विश्व में एक अंतर्राष्ट्रीय खतरा मंडराया हुआ है क्योंकि देखा जा रहा है कि विश्व स्तर पर यूक्रेन और रूर के बीच लगातार तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही हैं। जिससे की स्वीडन ने औपचारिक तौर पर साफ कर दिया है कि वह किसी भी हालत में नाटो का सदस्य नहीं बनना चाहता हैं।
नाटो का सदस्य नहीं बनने का लिया फैसला
हालांकि, स्वीडिश प्रधान मंत्री की राज्य सचिव कैरिन वॉलेंस्टिन ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच बढ रहे तनाव से स्वीडन के नाटो का सदस्य बनने या न बनने के फैसले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यह साफ है कि स्वीडन नाटो का सदस्य बनने के लिए किसी तरह की कोशिश नहीं कर रहा है।
सुरक्षा को लेकर नीति तय है
सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को अपने एक साक्षात्कार में बताया,‘‘इस तरह की एक स्थिति में स्थिरता और भविष्य का अनुमान लगाना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। सुरक्षा को लेकर हमारी नीति तय है। हम नाटो के अच्छे और मजबूत सहयोगी बनना चाहते हैं, लेकिन हम इस संगठन में शामिल नहीं होने जा रहे हैं।’’ अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेनाओं के जुटने पर चिंता व्यक्त करने और नाटो में शामिल देशों से अपने सैन्य समर्थन को बढ़वा देने का आग्रह करने के कारण हाल के हफ्तों में यूक्रेन के आसपास पनपी अनिश्चित स्थिति और खराब हो गई है।हालांकि रूस ने हमले को लेकर खुद पर लगे आरोपों का खंडन बार-बार किया है। इसके अलावा, यह भी कहा है कि रूसी सीमा क्षेत्र के पास नाटो की सैन्य गतिविधि उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा है और यह यूक्रेन में एक शांतिपूर्ण सुलह के प्रयासों को बाधा पहुंचा रहा है।