तालिबान ने पंजशीर घाटी पर कब्जे का दावा करते हुए शुक्रवार की रात हवाई फायरिंग कर जश्न मनाया। तालिबान के इस जश्न का खामियाजा आम जनता को अपनी मौत से चुकाना पड़ा। तालिबानियों की हर्ष फायरिंग में बच्चों सहित कई लोग मारे गए और कई बुरी तरह घायल हुए।
अश्वका समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजशीर में कब्जे के बाद तालिबान ने शुक्रवार की रात हवाई फायरिंग कर जश्न मनाया। काबुल में तालिबान की हवाई फायरिंग में बच्चों सहित कई लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं। वहीं रेसिस्टेंस फोर्स ने तालिबानी दावे को खारिज किया गया, जिसमें पंजशीर पर तालिबानियों के कब्जे में होने की बात कही गई।
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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह मानकर कि उन्होंने पंजशीर प्रांत पर नियंत्रण कर लिया है, तालिबान ने कथित तौर पर शुक्रवार की रात काबुल के अधिकांश हिस्सों में खुशी के मारे हवाई फायरिंग की। इसी हवाई फायरिंग ने काबुल में कई लोगों की जानें ले लीं।
इधर, काबुल के जश्न के बीच रेसिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के दावे का खंडन करते हुए कहा कि पंजशीर अब भी उन्हीं के कब्जे में है और जंग में उन्होंने तालिबान को भारी नुकसान पहुंचाया है। तालिबान की गोलीबारी में घायल हुए अपने प्रियजनों को शुक्रवार देर रात कई लोग अस्पताल ले गए।
पंजशीर में तालिबान के कब्जे के बाद खबरें हैं कि खुद को अफगान का राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर से भाग गए हैं। हालांकि, इस बीच अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति और पंजशीर से तालिबान को चुनौती दे रहे अमरुल्लाह सालेह खुद एक वीडियो के जरिए सामने आए हैं और उन्होंने कहा कि वह देश छोड़कर भागे नहीं हैं।
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उन्होंने कहा है कि वह पंजशीर घाटी में ही हैं और रेसिस्टेंस फोर्स के कमांडरों और राजनीतिक हस्तियों के साथ हैं। अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के कब्जे की बात को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा कि पंजशीर घाटी पर पिछले चार से पांच दिनों से तालिबान और अन्य बलों द्वारा हमला किया जा रहा है, लेकिन विद्रोहियों द्वारा किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया गया है।
उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट्स से यह बात फैल रही है कि मैं अपने देश से भाग गया हूं। यह बिल्कुल निराधार है। यह मेरी आवाज है, मैं आपको पंजशीर घाटी से, अपने बेस से कॉल कर रहा हूं। मैं अपने कमांडरों और अपने राजनीतिक नेताओं के साथ हूं।’