अफगानिस्तान में शासन कर रहे तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने नॉर्वे के दौरे पर अमेरिका तथा सात अन्य देशों और क्षेत्र के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। यह मुलाकात नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में हुई जिसमें मुख्य रूप से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था, युद्धग्रस्त देश को मानवीय सहायता, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया गया। मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी के अनुसार, तीन दिनों तक चलने वाली बैठक सोमवार को शुरू हुई और शेष प्रतिनिधि यूके, नॉर्वे, जर्मनी, इटली, फ्रांस, कतर और यूरोपीय संघ (ईयू) से थे। एक ट्वीट में बाल्खी ने कहा बैठक अर्थव्यवस्था, मानवीय सहायता, सुरक्षा, केंद्रीय बैंक के संचालन, स्वास्थ्य और अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा पर केंद्रित थी। चर्चा जारी है।
अमेरिका के विशेष दूत ने मानवीय संकट पर दिया जोर
बैठक से एक दिन पहले अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत थॉमस वेस्ट ने रविवार शाम को कहा कि, वाशिंगटन और उसके सहयोगी मौजूदा मानवीय संकट से निपटने के तरीके तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा, जैसा कि हम सहयोगियों, भागीदारों और राहत संगठनों के साथ मिलकर मानवीय संकट को संबोधित करना चाहते हैं, हम तालिबान के साथ एक स्थिर, अधिकारों का सम्मान करने वाले और समावेशी अफगानिस्तान में अपनी चिंताओं और हमारे स्थायी हित के बारे में स्पष्ट कूटनीति जारी रखेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की बैठकें देश की समस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभा सकती हैं। प्रोफेसर सैयद बाकिर मोहसेनी ने कहा, एक समावेशी और टिकाऊ सरकार के गठन के लिए अफगानिस्तान के अंदर एक रचनात्मक कदम उठाने की जरूरत है।
महिलाओं सहित देश के नागरिक समाज के सदस्यों से भी की बातचीत
इससे पहले रविवार को तालिबान ने महिलाओं सहित अफगानिस्तान के नागरिक समाज के सदस्यों से मुलाकात की और अफगानिस्तान में चल रहे हालात पर चर्चा की। कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल शनिवार रात नॉर्वे पहुंचा। अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद यह उनकी पहली यूरोप यात्रा है। हालांकि यह यात्रा नॉर्वे के आधिकारिक आमंत्रण पर हो रही है, ओस्लो की सरकार ने कहा है कि यह तालिबान की वैधता या मान्यता का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।