पाकिस्तान में बीते दिनों बड़ा सैन्य फेरबदल हुआ है। सेना ने लेफ्टिनेंट जरनल फैज हमीद का तबादला करते हुए उन्हें पेशावर कोर कमांडर के तौर पर नियुक्त किया है। हमीद वही हैं, जो पाकिस्तान की तरफ से तालिबान गए थे और वहां सरकार गठन में अहम भूमिका निभाकर लौटे हैं। लेकिन बावजूद इसके उन्हें खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख के पद से हटा दिया गया और उनके स्थान पर ये पद लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को दिया गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना से कहा है कि वह इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक फैज हमीद को बदलने के फैसले में शामिल नहीं थे। फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने एक टीवी शो में कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री के रुख से गतिरोध पैदा हो गया है, यही वजह है कि अधिसूचना पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसपीआर की ओर से घोषणा के बाद पीएम हाउस से कोई पुष्टि नहीं हुई और यह देरी असामान्य है। अब यह सामने आया है कि इस फैसले से पीएम खान और सेना के बीच तनाव पैदा हो गया है।
सेठी ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की पेशावर कोर कमांडर के रूप में नियुक्ति और जनरल नदीम अंजुम की नए आईएसआई, डीजी के रूप में नियुक्ति की घोषणा प्रधानमंत्री आवास से आनी चाहिए, क्योंकि हमेशा की तरह, प्रधानमंत्री ही आईएसआई डीजी की नियुक्ति करते हैं।
सेठी ने कहा कि इसकी घोषणा करने वाली प्रेस विज्ञप्ति रावलपिंडी से आई है न कि इस्लामाबाद से। पाक पीएम द्वारा बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की उपस्थिति भी असामान्य थी। उनके तबादले के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन जनरल फैज ने बैठक में आईएसआई डीजी के रूप में भाग लिया।
सेठी ने यह भी कहा कि नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच इस प्रकार का गतिरोध अक्सर पार्टियों को बिना किसी वापसी के बिंदु (प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न) पर ले जाता है, यह सुझाव देता है कि यह प्रकरण नागरिक-सैन्य संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक से कुछ खास नहीं निकला। आईएसपीआर और पीएम हाउस दोनों खामोश हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेठी के अनुसार, कुछ कैबिनेट सदस्य भी तनाव कम करने के लिए शामिल हुए, लेकिन अभी गतिरोध बना हुआ है