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सूडान में तख्तापलट के बाद तनावपूर्ण शांति, प्रदर्शनकारियों ने कुछ सड़कों को बंद किया

सूडान की सेना ने सोमवार को प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद कार्यवाहक सरकार को बर्खास्त कर सत्ता पर कब्जा कर लिया। इसके बाद हजारों लोग इस तख्तापलट के विरोध में सड़कों पर आ गए।

सूडान की सेना ने सोमवार को प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद कार्यवाहक सरकार को बर्खास्त कर सत्ता पर कब्जा कर लिया।  इसके बाद हजारों लोग इस तख्तापलट के विरोध में सड़कों पर आ गए। सूडान की राजधानी में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अस्थायी बैरीकेड और टायर जलाकर मंगलवार को कुछ सड़कों पर आवाजाही रोक दी। देश में तख्तापलट की घटना के एक दिन बाद प्रदर्शनकारियों ने यह कार्रवाई की।1635250483 public
सेना द्वारा किए गए तख्तापलट की अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना की गई है। प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सोमवार को सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें राजधानी खार्तूम के बाहर एक सैन्य शिविर में रखा गया है।सैन्य अधिग्रहण ने सूडान में पिछले दो वर्षों से चल रही लोकतांत्रिकरण की प्रक्रिया को पटरी से उतारने का खतरा पैदा कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को मंगलवार को सूडान की स्थिति पर चर्चा करनी है।
पश्चिमी सरकारों ने तख्तापलट की निंदा की और प्रधान मंत्री अब्दुल्ला हमदोक और अन्य अधिकारियों की रिहाई का आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने सूडान को 70 करोड़ डॉलर की आपातकालीन सहायता बंद करने की घोषणा की।असैन्य शासन की वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को सामूहिक मार्च का आह्वान किया है।पूर्व निरंकुश शासक उमर अल-बशीर को सत्ता से हटाए जाने के बाद, दो साल से अधिक समय से जारी लोकतंत्रिक सरकार बनाने के प्रयासों के बीच सोमवार को सेना ने तख्तापलट कर नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया।1635250638 hhu
इसके विरोधस्वरूप सूडानी लोगों ने खार्तूम व अन्य शहरों में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। ‘सूडान डॉक्टर्स कमेटी’ के मुताबिक खार्तूम में सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई जबकि 80 से ज्यादा घायल हो गए।सूडान में शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल अब्देल-फतह बुरहान ने हमदोक सरकार और देश चलाने के लिए अल-बशीर के निष्कासन के तुरंत बाद बनाई गई संयुक्त सैन्य और नागरिक निकाय संप्रभु परिषद को भंग कर दिया। वह अब एक सैन्य परिषद के प्रमुख हैं, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि वह जुलाई 2023 में चुनाव तक सूडान पर शासन करेंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक धड़ों के बीच झगड़े के चलते सेना को हस्तक्षेप करने को बाध्य होना पड़ा।तख्तापलट हालांकि ऐसे वक्त हुआ है जब बुरहान के संप्रभु परिषद का नेतृत्व एक नागरिक को सौंपने के लिहाज से एक महीने से भी कम वक्त बचा था। ऐसा होता तो सत्ता पर सेना की पकड़ कम हो जाती।जनरल ने कहा कि वह समय पर चुनाव कराने को लेकर गंभीर हैं। लेकिन वोट से 19 महीने पहले, यह स्पष्ट नहीं है कि सेना दशकों की अपनी पकड़ को छोड़ने के लिए तैयार है या नहीं।1635250654 fly
यह तख्तापलट सरकार में सेना और असैन्य घटकों के बीच लोकतंत्र की दिशा में बढ़ने को लेकर हफ्तों से चल रहे तनाव के बाद हुआ है। यह अफ्रीकी देश भाषायी और सांस्कृतिक लिहाज से अरब राष्ट्रों से जुड़ा हुआ है। खार्तूम और ओमदुरमन में मंगलवार की सुबह भी कुछ प्रदर्शनकारी सड़कों पर बने रहे, कई सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई और टायर जलाकर उन्हें अवरुद्ध कर दिया गया।सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स के सैनिकों ने रातभर खार्तूम में गश्त की और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने में लगे रहे। अंतर्राष्ट्रीय समूह ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने कहा कि बलों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोला-बारूद का इस्तेमाल किया।अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा पर तत्काल रोक लगाने और इंटरनेट सेवाओं की बहाली का आह्वान किया।

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