थाईलैंड की अपदस्थ प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्रा अपने खिलाफ अदालत के फैसले के आने से पहले से ही देश छोड़कर भाग गईं। उनके परिवार से करीबी संबंध रखने वाले एक सूत्र ने यह जानकारी दी। थाईलैंड की राजनीति में पिछले 15 वर्षों से अपना प्रभुत्व जमाने वाले परिवार से संबद्ध सुश्री यिंगलुक (50) अरबों डालर के धान सब्सिडी घोटाला मामले में न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हो सकीं। वर्ष 2014 में उनकी सरकार का तख्ता पलट कर दिया गया था और अगर उन्हें इस मामले में दोषी पाया जाता है तो कम से कम 10 वर्ष कैद की सजा हो सकती है।
उनकी पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि निश्चित रूप से वह देश छोड़कर भाग गई हैं। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने उनके इस बहाने को खारिज कर दिया था कि कान की बीमारी के कारण वह न्यायालय में पेश नहीं हो सकती हैं और गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उप प्रधानमंत्री प्रावित वोंगसुवान ने पत्रकारों को बताया कि यह संभव हैं कि वह देश छोड़कर भाग गई हैं।
गौरतलब है कि सुश्री यिंगलुक के वकील नोरावित लालाइंग ने सुबह न्यायालय को अवगत कराया था कि कान की बीमारी के कारण वह अदालत में नहीं आ सकतीं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह भी पता नहीं है कि क्या वह अभी देश में ही हैं। सुश्री यिंगलुक ने अंतिम बार फेसबुक पर अपनी पोस्ट में कहा था कि सुरक्षा कारणों से वह न्यायालय में अपने समर्थकों से नहीं मिल सकती हैं।
वर्ष 2015 में इस मामले की सुनवाई के दौरान उनपर विदेश यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और उन्होंने पिछली अदालती कार्रवाइयों में हिस्सा लिया था। गौरतलब है कि धान सब्सिडी मामले में उनके प्रशासन ने धान किसानों को बाजार मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक कीमत पर भुगतान किया था और इसकी वजह से थाईलैंड में चावल के अंबार लग गए थे जिससे आठ अरब डालर का नुकसान हुआ था। इस मामले में सफाई देते उन्हाेंने कहा था कि उनकी भूमिका सिर्फ इस नीति को लाने तक थी और दिन-प्रतिदिन इसके प्रबंधन में उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं थी।