चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही, असहमति होने पर मुंह खोलना भी किया बैन - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही, असहमति होने पर मुंह खोलना भी किया बैन

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इस साल अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने की तैयारियों में है और इसी बीच उसने अपने 9.2 करोड़ सदस्यों के लिए नियमों में बदलाव करते हुए मतभेदों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने पर पाबंदी लगा दी है।

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इस साल अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने की तैयारियों में है और इसी बीच उसने अपने 9.2 करोड़ सदस्यों के लिए नियमों में बदलाव करते हुए मतभेदों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने पर पाबंदी लगा दी है। और साथ ही कहा है कि इस प्रकार की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
सरकार समाचार एजेंसी शिन्हुआ की चीनी भाषा की सेवा द्वारा प्रकाशित पार्टी के संशोधित नियमों के अनुसार, अगर पार्टी के नेता अयोग्य पाये जाते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं को उन्हें हटाने की मांग करने का अधिकार दिया गया है। 
माओ-त्से तुंग द्वारा 1921 में स्थापित कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना (सीपीसी) 1949 में सत्ता में आयी और इस साल जुलाई में अपने शताब्दी वर्ष पर भव्य आयोजन की योजना बना रही है। सीपीसी एकदलीय प्रणाली में सबसे लंबे समय तक सत्ता में बनी रहने वाली मार्क्सवादी पार्टी है। 
संशोधित नियमों में सूचना प्राप्ति और आंतरिक शिकायतों के समाधान पर नया दिशा-निर्देश जारी किया गया है और इसे ‘पार्टी के भीतर लोकतंत्र को बढ़ावा’ देने के रूप में दिखाया जा रहा है। नये नियम में स्पष्ट किया गया है कि पार्टी अपने रैंक में किसी के मतभेद को बर्दाश्त नहीं करेगी, विशेष रूप से अगर सार्वजिक रूप से शिकायत की जाती है तो। 
नये नियम में कहा गया है, ‘‘पार्टी के सदस्य आलोचना करते हैं, खुलासा करते हैं या समाधान और सजा के लिए अनुरोध करते हैं, उन्हें संगठन के तंत्र का उपयोग करना चाहिए। उन्हें उसे स्वतंत्र रूप से इंटरनेट पर नहीं डालना चाहिए, या उसे बढ़ाचढ़ा कर पेश नहीं करना चाहिए, तथ्यों को तोड़ना-मरोड़ना नहीं चाहिए, फर्जी तथ्य नहीं डालने चाहिए या झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए।’’ 
नियम पुस्तिका के प्रावधान 16 में कहा गया है कि ‘‘पार्टी के सदस्यों को ऐसे विचार सार्वजनिक मंच पर नहीं रखने चाहिए जो सीपीसी की केन्द्रीय समिति के विचार के अनुरुप ना हों।’’ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।