अमेरिका की रिपोर्ट में किया गया दावा, पाकिस्तान के साथ संबंधों पर टिका है अफगानिस्तान का भविष्य - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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अमेरिका की रिपोर्ट में किया गया दावा, पाकिस्तान के साथ संबंधों पर टिका है अफगानिस्तान का भविष्य

(यूएसआईपी) ने कहा है कि अफगानिस्तान का भविष्य पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों और अमेरिका तथा अन्य देशों द्वारा दिए जाने वाले वित्त पोषण पर निर्भर करता है।

अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर अमेरिका के वाशिंगटन में स्थित संघीय संस्था यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) ने कहा है कि अफगानिस्तान का भविष्य पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों और अमेरिका तथा अन्य देशों द्वारा दिए जाने वाले वित्त पोषण पर निर्भर करता है। यूएसआईपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, तालिबान शासन के साथ पाकिस्तान के संबंध अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। रिपोर्ट का आकलन विभिन्न अध्ययनों पर आधारित है जो 2021 के दौरान अफगानिस्तान पर किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है, केवल मानवीय सहायता अफगानिस्तान में आर्थिक पतन को नहीं रोक सकती है। इस्लामाबाद के साथ सकारात्मक संबंध स्थिरता, विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। अतीत में इस्लामाबाद से तालिबान को मिले समर्थन के कारण पाकिस्तान की भूमिका महत्वपूर्ण है, जिसे तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान के भविष्य को निर्धारित करने में एक निर्णायक कारक माना जाता है।
अफगान को दी जाने वाली सहायता देश के भविष्य को आकार देगी : यूएसआईपी
यूएसआईपी रिपोर्ट की लेखिका एलिजाबेथ थ्रेलकेल्ड के अनुसार, अमेरिका और सहयोगी देशों द्वारा अब से अफगान सरकार को दी जाने वाली सहायता देश के भविष्य को आकार देगी। तालिबान को बाहरी स्रोतों, मुख्य रूप से पाकिस्तान से प्राप्त समर्थन की सीमा भी अफगानिस्तान के भविष्य को निर्धारित करने में एक निर्णायक कारक होगी। जबकि अफगानिस्तान के बेहतर भविष्य के लिए सहायता और संबंधों का महत्व महत्वपूर्ण है, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे, शिकायतें और संघर्ष एक नकारात्मक और विपरीत परिणाम की ओर संकेत करते हैं। थ्रेलकेल्ड ने कहा, अफगानिस्तान और पाकिस्तान क्षेत्रीय स्थिरता और अपने नागरिकों की भलाई के लिए अपने सीमा पार संबंधों के निर्माण का सबसे अच्छा मौका देते हैं।
तालिबान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने को मान्यता नहीं देना चाहते :  रिपोर्ट 
रिपोर्ट के अनुसार डूरंड रेखा विवाद को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच असहमति के अधिक संवेदनशील बिंदु के रूप में रखते हुए रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि, पाकिस्तानी सीमा सुरक्षा बलों और तालिबान लड़ाकों के बीच हालिया संघर्ष यह दर्शाता है कि पिछली अफगान सरकारों की तरह, तालिबान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने को मान्यता नहीं देना चाहते हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान का इरादा सीमा पार से होने वाले आतंकवाद और आतंकवादियों की आवाजाही को रोकने के लिए सीमा पर बाड़ लगाने की है। यूएसआईपी रिपोर्ट में कहा गया है कि जो कारक पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विवाद का मुख्य बिंदु बनेंगे, वे हैं संप्रभुता की चिंता, सुरक्षा हित, भू-राजनीतिक गतिशीलता, सीमा पार संबंध और कनेक्टिविटी और व्यापार शामिल है।

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