कहते है ‘ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर’ वाली कहावत पाकिस्तान की राजनीति में बिल्कुल स्टीक बैठती है। जहां बीते हफ्ते हुए आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पीटीआई के पीएम पद के दावेदार इमरान खान को चुनौती देने के लिए दो प्रतिद्वंद्वी पार्टियों ने हाथ मिलाने का ऐलान किया है। पीएमएल-एन और पीपीपी पार्टियां अब प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगी। हालांकि इमरान खान को सरकार बनाने के लिए नेशनल असेंबली में बहुमत साबित करना है। स्पष्ट बहुमत के लिए इमरान खान को नेशनल असेंबली के कुल सदस्यों के कम से कम 51 प्रतिशत वोटों की जरूरत है।
पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल असेंबली में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल 172 सीटों की जरूरत है। पीटीआई नेतृत्व ने कम से कम 170 सांसदों के समर्थन मिलने का दावा किया है। इसमें निर्दलीय और गठबंधन की पार्टियों के नवनिर्वाचित सांसद शामिल हैं। हालांकि बहुमत साबित करने के लिए इमरान की पार्टी (पीटीआई) के पास अभी एक हफ्ते का समय बाकी है और उन्हें उम्मीद है कि उनका कोई भी सांसद विपक्षी पार्टी का समर्थन नहीं करेगा। हालांकि, अब तक किसी विपक्षी दल या सदस्यों ने पीटीआई में शामिल होने के लिए विपक्षी गठबंधन नहीं छोड़ा है।
विपक्षी गठबंधन जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और मुताहिदा शामिल हैं। मजलिस-ए-अमल (एमएमए) ने पहले ही संसद के अंदर और बाहर इमरान खान और उनके समर्थक दलों का विरोध करने का फैसला किया है।
पीएम पद के दावेदार इमरान खान को चुनौती देने के लिए PML-N और PPP ने हाथ मिलाने का ऐलान किया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N) के पास 64 और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के पास 43 सीटे हैं। हालांकि, कुछ छोटी पार्टियों के गठबंधन से इमरान खान के लिए प्रधानमंत्री के तौर पर चुने जाने के कदम पर खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन इससे संसद में उनके पास सीटें कम हो जाएंगी. जिससे उनके लिए बहुमत साबित करना मुश्किल हो सकता है।
गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) 25 जुलाई को हुए चुनावों में 116 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान की ताजपोशी का दिन तय हो गया है। 65 वर्षीय नेता इमरान 11 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। केयरटेकर सूचना मंत्री अली जफर ने शुक्रवार को कहा कि 13 या 14 अगस्त को संसद का पहला सत्र बुलाया जा सकता है।
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