आतंकवादी संगठन तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन पर बातचीत करने के लिए शनिवार को कंधार से काबुल पहुंचे। पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान की राजधानी पहुंचने वाले अन्य वरिष्ठ तालिबानी नेताओं में हक्कानी नेटवर्क का एक प्रमुख सदस्य खलील अल-रहमान हक्कानी भी शामिल है।
हक्कानी पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है और उन पर 50 लाख डॅलर का इनाम भी है। हक्कानी ने नई तालिबान सरकार पर बातचीत के लिए कुछ दिन पहले अफगानिस्तान के हिज्ब-ए-इस्लामी के नेता एवं प्रधानमंत्री गुलबुद्दीन हेकमतयार से मुलाकात की।
बरादर तालिबान के सबसे वरिष्ठ नेता हैं और इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद के सबसे मजबूत दावेदार हैं। उन्हें दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने उस समझौते पर सहमति की निगरानी की जिसके कारण अमेरिकी सेना को अपने 20 साल का अभियान समाप्त करना पड़ा।
बरादर उन चार लोगों में से एक हैं, जिन्होंने 1994 में अफगानिस्तान में तालिबान की स्थापना की थी। वह पख्तूनों की दुरानी जनजाति से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने तालिबान के शासन के दौरान प्रांतीय गवर्नर और उप रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था।
उन्हें 2010 में पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में गिरफ्तार किया गया था और अमेरिका के अनुरोध पर अक्टूबर 2018 में रिहा कर दिया गया था। वह दोहा शांति कार्यालय के प्रभारी हैं। पिछले साल, वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ टेलीफोन पर बातचीत करने के बाद किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ सीधे संवाद करने वाले पहले तालिबानी नेता बने।