पर्यावरण का नाम लेते ही दिमाग में हरे भरे जंगल ,स्वच्छ नदी का जल और साफ आसमान की छवि आती है लेकिन सच्चाई ये है मनुष्य अपने कार्य को हर कीमत पर पूरा करने के लिए पर्यावरण की अनदेखी करता है। जंगलो का कटाव हो या नदियों को प्रदूषित करना अगर कार्य सिद्ध हो रहा है तो पर्यावरण की किसी को कोई चिंता नहीं। पर्यावरण रक्षक अपनी जान को जोखिम में डाल कर भी पर्यावरण को बचाते है। इसका सबसे अच्छा उदहारण चिपको – चिपको आंदोलन है।
यूएई और नॉर्वे के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा
नॉर्वे में यूएई की राजदूत फातिमा खामिस अल मजरूई ने जलवायु और पर्यावरण मंत्रालय में नॉर्वे के जलवायु और पर्यावरण मंत्री एस्पेन बार्थ से मुलाकात की।बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सभी क्षेत्रों में यूएई और नॉर्वे के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए संयुक्त कार्रवाई को बढ़ाने के महत्व पर चर्चा की, विशेष रूप से यूएई इस नवंबर में दुबई एक्सपो में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (सीओपी 28) में पार्टियों के सम्मेलन की मेजबानी करके वैश्विक जलवायु कार्रवाई का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार की आवश्यकता पर चर्चा
सीओपी 28 के वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयासों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार की आवश्यकता पर चर्चा की गई, क्योंकि सम्मेलन जलवायु प्रतिबद्धताओं और प्रतिज्ञाओं को लागू करने, ठोस कार्रवाई करने के लिए मिलकर काम करने, चुनौतियों पर काबू पाने में योगदान देने वाले समाधानों को खोजने और सुनिश्चित करने के लिए अवसरों को जब्त करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।