ट्रंप प्रशासन ने ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते के अंतिम बचे प्रावधान को बरकरार रखते हुए प्रतिबंधों में छूट की अवधि बढ़ा दी है। इससे अब विदेशी कंपनियां ईरान के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के लिए काम कर सकेंगी और उन्हें अमेरिकी अर्थ दंड का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन दूसरी ओर, बृहस्पतिवार को उसने ईरान के निर्माण क्षेत्र पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं।
असैन्य परमाणु कार्यक्रम पर छूट की अवधि मंगलवार को खत्म होने वाली थी लेकिन विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसे अगले 90 दिन के लिए बढ़ा दिया। ट्रंप ने पिछले वर्ष परमाणु समझौते से किनारा कर लिया था और उसके बाद से ईरान पर लगातार प्रतिबंध लगाते रहे। लेकिन अब यह छूट मिलने से यूरोपीय, रूसी और चीनी कंपनियां ईरान के असैन्य परमाणु प्रतिष्ठानों के साथ काम जारी रख सकती हैं।
एएफपी की खबर के अनुसार, वाशिंगटन ने जो नए प्रतिबंध लगाए हैं, उनका संबंध ईरान की सेना रिवॉल्यूशनरी गार्डस से है। अमेरिका का कहना है कि ये प्रतिबंध उन चार रणनीतिक सामग्री को लेकर हैं जिनका संबंध ईरान के परमाणु, सैन्य या बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों से है। प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टाजस ने एक वक्तव्य में कहा कि यह पता चला था कि निर्माण क्षेत्र का नियंत्रण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के हाथ में है जिसके बाद विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ये प्रतिबंध लगाए।