अमेरिका ने भारत को दिवाली का तोहफा देते हुए ईरान से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने की अनुमति दे दी है। न्यूज़ चैनल ब्लूमबर्ग के मुताबिक अमेरिका ने 8 देशों को ईरान से कच्चा तेल खरीदने की इजाजत दी है। इस लिस्ट में भारत के अलावा साउथ कोरिया और जापान भी है।
दरअसल, अमेरिका चाहता था कि भारत सहित अन्य देश 4 नवंबर को ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दें। इस दिन के बाद अमेरिका की ओर से ईरान पर प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. लेकिन अब अमेरिका ने अपने इस रुख में ढील दी है। इससे पहले गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया था कि अमेरिका को मालूम है कि हमारी घरेलू वृद्धि को बनाए रखने के लिहाज से तेल कितना अहम है। ऊर्जा क्षेत्र को किसी तरह के प्रभाव से दूर रखने के लिए हम अमेरिका और अन्य पक्षों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
कच्चे तेल खरीद में कटौती करेगा भारत!
भारत, ईरान से कच्चे तेल का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है, लेकिन अमेरिका की चेतावनी के बाद भारत अब ईरान से कच्चे तेल की खरीद को सालाना डेढ़ करोड़ टन तक सीमित रखना चाहता है। इससे पहले 2017- 18 में भारत की ईरान से तेल खरीद दो करोड़ 26 लाख टन यानी चार लाख 52 हजार बैरल प्रतिदिन के स्तर पर रही।
क्या है पूरा मामला?
जुलाई, 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों के बीच परणाणु समझौता हुआ था। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा ने समझौते के तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के बदले में बैन से राहत दी थी, लेकिन मई, 2018 में ईरान पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये समझौता तोड़ दिया।
ट्रंप ने ईरान में कारोबार कर रही विदेशी कंपनियों को निवेश बंद करने के लिए कहा था। अमेरिका ने भारी जुर्माने की भी धमकी दी थी और ईरान से कच्चे तेल की खरीदने वाले देशों को 4 नवंबर तक आयात बंद करने को कहा था।