ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ‘पॉल कीटिंग’ ने दावा किया है कि, अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया के साथ परमाणु पनडुब्बी बनाने का करार अपने आप को चीनी परमाणु हमले से बचाने के लिए किया है। उन्होंने कहा है कि, इस करार ने चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को बदल दिया है। कीटिंग ने ‘नेशनल प्रेस क्लब’ को बताया कि, ऑस्ट्रेलिया की वर्तमान कंजरवेटिव सरकार ने 12 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का ऑस्ट्रेलियाई बेड़ा तैयार करने के लिये फ्रांस के साथ 90 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का अनुबंध रद्द करके ”भयावह” व्यवहार किया है। इसके बजाय, अब ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और ब्रिटेन के साथ एक नए करार के तहत अमेरिकी प्रौद्योगिकी के उपयोग वाले आठ परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का अधिग्रहण करेगा। कीटिंग ने 1991 से 1996 तक मध्यमार्गी-वामपंथी लेबर पार्टी सरकार का नेतृत्व किया था।
ऊँट के मुंह में जीरे जैसा है यह करार : कीटिंग
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ऑस्ट्रेलिया का ब्रिटेन और अमेरिका के साथ हुआ करार, ‘चीन के खिलाफ आठ पनडुब्बियां, वो भी 20 साल में हमें मिलेगीं यह हमारे लिए ऊँट के मुंह में जीरे जैसा है। ‘कीटिंग’ ने कहा कि, ऑस्ट्रेलिया की परमाणु चालित पनडुब्बियों को परमाणु हथियारों से लैस चीनी पनडुब्बियों को चीन के तट के करीब ही कम गहरे समुद्र में रोकने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ”दूसरे शब्दों में, संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ दूसरे परमाणु हमले की क्षमता रखने से चीन को रोकने के लिये है। इससे चीन से हमारे संबंध बदल गए हैं।
‘ऑकस’ की वजह से फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया के बिगड़े चुके हैं रिश्ते
हाल के माह में बने ऑस्ट्रेलिया-ब्रिटेन-अमेरिका के ‘ऑकस’ नाम के संगठन की वजह से फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते बिगड़ चुके हैं। दरअसल ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ परमाणु पनडुब्बी बनाने का करार किया हुआ था लेकिन ‘ऑकस’ बनने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के सात अपना करार तोड़ दिया था। फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन के साथ भी नाराजगी जाहि़र की थी। लेकिन हाल ही में अमेरिका ने इसके लिए फ्रांस से माफी मांगी थी।