दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी युद्धपोत को तैनाती पर चीन द्वारा अमेरिका को दी धमकी पर यूएस नेवी ने चुटकी ली है। दरअरसल दक्षिणी चीन सागर में चीन की सेना इस समय एक अभ्यास कर रही है। लेकिन उसकी किसी भी हरकत को जवाब देने के लिए अमेरिका ने भी अपनी नेवी के तीन जहाज इस इलाके में भेज दिए।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को चीन के मिसाइलों की तस्वीर ट्वीट करते हुए अमेरिका को धमकी दी थी। ग्लोबल टाइम्स के ट्विटर पर लिखा गया कि चीन के पास एंटी एयरक्राफ्ट हथियार, जैसे कि DF-21D और DF-26, एयरक्राफ्ट करियर किलर मिसाइल हैं।
दक्षिणी चीन सागर पूरी तरह से पीएलए (PLA) के नियंत्रण में है। इस इलाके में अमेरिकन सेना के एयरक्राफ्ट करियर के किसी भी तरह की गतिविधि पीएलए के लिए दिल बहलाने से ज्यादा कुछ भी नही हैं। आपको बता दें कि यह बात ग्लोबल टाइम्स में एक एक्सपर्ट के बयान के हवाले से लिखा गया है।
And yet, there they are. Two @USNavy aircraft carriers operating in the international waters of the South China Sea. #USSNimitz & #USSRonaldReagan are not intimidated #AtOurDiscretion https://t.co/QGTggRjOul
— Navy Chief of Information (@chinfo) July 5, 2020
वहीं ग्लोबल टाइम्स के इस ट्वीट पर अमेरिकी नौसेना के सूचना प्रमुख के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘और इसके बावजूद वे यहां हैं। अमेरिकी नौसेना के दो एयरक्राफ्ट करियर दक्षिणी चीन सागर के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में गतिविधियां कर रहे हैं। यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन किसी से डरने वाले नहीं हैं।’
गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर के अलावा अमेरिका कोरोना महामारी को लेकर भी चीन को घेरने में लगा हुआ है। चीन अपनी आक्रमण और विस्तारवादी नीतियों के चलते चारों ओर से घिर चुका है। अमेरिकी संसद ने हांगकांग में सख्त ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच चीन के कदम को लेकर उस पर प्रतिबंध लगाने वाला एक विधेयक पारित कर दिया है।
अमेरिका के इस विधेयक के तहत हांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों समेत उन समूहों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जो हांगकांग की स्वायत्ता और उसके निवासियों की आजादी को कमतर करने की कोशिश करेंगे। साथ ही इस नए सुरक्षा कानून को लागू करने वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।