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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी भी सैन्य गठबंधन के विरुद्ध है वियतनाम

वियतनाम ने भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के बीच चतुष्कोणीय गठबंधन का समर्थन करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और कहा कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में

वियतनाम ने भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के बीच चतुष्कोणीय गठबंधन का समर्थन करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और कहा कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थायित्व लाने की किसी भी पहल का स्वागत करता है लेकिन किसी भी सैन्य गठबंधन के विरुद्ध है।

वियतनाम के नवनियुक्त दूत फाम सान्ह चाउ ने विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में शांति, सुरक्षा, स्थायित्व एवं नौवहन की आजादी की आवश्यकता पर बल भी दिया और कहा कि उनका देश इसे बड़ी शक्तियों की जोर-आजमाईश के क्षेत्र के रुप में नहीं देखना चाहता है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वियतनाम इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, नौवहन एवं उड़ान की आजादी बनाए रखने की किसी भी पहल का स्वागत करता है। लेकिन हम कोई सैन्य गठबंधन देखना नहीं चाहते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि यह इस क्षेत्र के सुरक्षा माहौल के लिए अनुकूल नहीं है।’’

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उनसे पूछा गया था कि क्या वियतनाम इन चारों शक्तियों के बीच में चतुष्कोणीय गठबंधन के पक्ष में है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई देश गिरोहबाजी करना चाहता है, ताकत का इस्तेमाल करना चाहता है या करने का प्रयास करता है तो यह वियतनाम के रुख के विपरीत है।’’
चाउ का बयान ऐसे समय में आया है जब तीन दिन बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वियतनाम की यात्रा पर जाने वाले हैं।

पिछले साल नवंबर में भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अहम समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए नयी रणनीति विकसित करने के लिए लंबित ‘चतुष्कोण’ को आकार दिया था।

इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर काबू रखने के प्रयास के रुप में देखा जाता है। अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की व्यापक भूमिका पर जोर दे रहा है। इसे कई देश इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश रखने के प्रयास के तौर पर देखते हैं।

वैसे बताया जाता है कि भारत चतुष्कोण को सैन्य स्वरुप देने को अनिच्छुक है। वियतनाम दक्षिण चीन सागर में कई दावेदारों में एक है। चीन और वियतनाम के अलावा, ताईवान, फिलीपिन, मलेशिया और ब्रुनेई भी इस सागर में क्षेत्रीय दावा करते हैं। यहां प्रचुर हाईड्रोकार्बन है।

चीन इस सागर में वियतनाम के दावे वाले क्षेत्र में भारत के तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी)द्वारा तेल उत्खनन का विरोध कर रहा है। इस पर वियतनाम के दूत ने कहा कि किसी तीसरे देश से कोई ऐतराज नहीं है।

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