तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के वरिष्ठ सलाहकार इब्राहीम कालिन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और रक्षा मुद्दों का समाधान तुर्की वार्ता के जरिए होते देखना चाहता है। कालिन ने कहा कि तुर्की ईरान के साथ तेल का कारोबार जारी रखने के लिए ‘रास्ते और तंत्र’ तलाश कर रहा है। पिछले सोमवार को अमेरिका ने घोषणा की थी कि वह आठ देशों को ईरान से कच्चा तेल आयात करने के संबंध में प्रतिबंध से राहत को अलगे महीने समाप्त कर देगा।
इन आठ देशों में भारत और तुर्की सहित चीन, ग्रीस, ईटली, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया है। पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने इन आठ देशों को ईरान से तेल आयात करने के लिए छह महीने की छूट दी थी।
यह अस्थायी छूट दो मई को समाप्त हो रही है। भारत अपनी तेल जरूरत का करीब 10 फीसदी तेल ईरान से आयात करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ पुलवामा के हमले की हमने तत्काल निंदा की। हमारे राष्ट्रपति एर्दोआन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और प्रधानमंत्री दोनों से बातचीत की। हमने कहा कि हम इस तरह के आतंकवादी कृत्य की मंजूरी नहीं दे सकते हैं।’’ कालिन ने कहा कि तुर्की का विचार है कि न्यूजीलैंड में हुए हमले और श्रीलंका में हुए हमले में कोई अंतर नहीं है।