विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ फोन पर वार्ता के दौरान भारत बायोटैक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध किए जाने और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित एस्ट्राजेनेका टीके की कोवैक्स केंद्र में आपूर्ति बहाल किए जाने समेत कई विषयों पर चर्चा की।
घेब्रेयेसस ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ फोन पर वार्ता के दौरान भारत में जारी कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम, वैश्विक महामारी समझौते की आवश्यकता, डिजिटल स्वास्थ्य एवं पारंपरिक चिकित्सा पर चर्चा की। हम लचीली और सतत वित्तीय सहायता करने समेत विभिन्न कदमों से डब्ल्यूएचओ को मजबूत बनाने में भारत के समर्थन का स्वागत करते हैं।’’
Had a call with @mansukhmandviya, 🇮🇳 Health Minister, to discuss #India‘s ongoing #COVID19 vaccination program; the need for a global pandemic agreement; digital health; & traditional medicine. We welcome 🇮🇳’s support to strengthen WHO, incl. via flexible, sustainable financing. pic.twitter.com/XhCVIhZBIe
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) October 19, 2021
उन्होंने कहा कि उन्होंने मंडाविया के साथ टीकों के वितरण की समानता के मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने ‘‘कोवैक्स में एसआईआई/एस्ट्राजेनेका टीके की आपूर्ति बहाल किए जाने, कोवैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल किए जाने के लिए सूचीबद्ध करने की प्रकिया और सी-टैप के जरिए प्रौद्योगिकी एवं लाइसेंस साझा करने पर’’ चर्चा की। कोरोना वायरस रोधी टीकों की आपूर्ति बढ़ाकर कोविड-19 संबंधी स्वास्थ्य उत्पादों की समय पर, न्यायसंगत और किफायती पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए ‘कोविड-19 टेक्नोलॉजी एक्सेस पूल’ (सी-टैप) की पिछले साल मई में शुरुआत की गई थी।
मंडाविया ने भी मंगलवार को बताया था कि उन्होंने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के साथ स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और घेब्रेयेसस ने कोविड-19 के खिलाफ भारत सरकार द्वारा उठाए गए टीकाकरण के ‘‘वृहद् प्रयासों’’ की सराहना की है। मंडाविया ने ट्वीट किया था, ‘‘डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस के साथ स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई। इस दौरान डब्ल्यूएचओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कोविड-19 टीकाकरण में भारत सरकार के वृहद् प्रयासों की डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने प्रशंसा की है।’’
भारत में मंगलवार तक कोविड-19 रोधी टीके की 99 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को कहा था कि वह भारत बायोटेक से उसके कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के बारे में अतिरिक्त जानकारी की उम्मीद कर रहा है क्योंकि आपात उपयोग के लिए टीके की सिफारिश करने से पहले वह कोई ‘‘जल्दबाजी नहीं कर सकता’’। वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि टीका सुरक्षित और प्रभावी है, यह सुनिश्चित करने के लिए उसका पूरी तरह से मूल्यांकन करना होगा।
कोवैक्सीन विकसित करने वाले हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने अपने टीके की आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए 19 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन को अभिरुचि पत्र (ईओआई) प्रस्तुस किया था। डब्ल्यूएचओ ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “हम जानते हैं कि बहुत से लोग कोविड-19 आपातकालीन उपयोग सूची में कोवैक्सीन के शामिल होने के वास्ते डब्ल्यूएचओ की सिफारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हम जल्दबाजी में ऐसा नहीं कर सकते हैं।
आपातकालीन उपयोग के लिए किसी उत्पाद की सिफारिश करने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए इसका अच्छी तरह से मूल्यांकन करना होगा कि वह सुरक्षित और प्रभावी है।” उसने यह भी कहा कि भारत बायोटेक नियमित आधार पर डब्ल्यूएचओ को आंकड़े प्रस्तुस कर रहा है और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने इन आंकड़ों की समीक्षा की है। विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि आपात उपयोग सूचीबद्धता की प्रक्रिया की समयसीमा इस बात पर निर्भर करती है कि टीका बनाने वाली कंपनी जरूरी आंकड़ा कितने जल्दी डब्ल्यूएचओ को देती है ताकि वह टीके की गुणवत्ता, सुरक्षा, प्रभाव तथा निम्न एवं मध्य आय वाले देशों के लिए उपयोगिता को परख सके।
डब्ल्यूएचओ का यह ट्वीट उसकी मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के यह कहने के एक दिन बाद किया गया कि एजेंसी का तकनीकी सलाहकार समूह 26 अक्टूबर को भारत के कोवैक्सीन टीके को आपातकालीन उपयोग सूची में सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए बैठक करेगा।