यूक्रेन और रूस के बीच जारी भीषण युद्ध को चलते हुए दो महीने से भी अधिक का समय हो गया है। ऐसे में पूरी दुनिया को इस बात का इंतजार है कि आखिर कब ये वीभत्या युद्ध समाप्त होगा। तो दूसरी तरफ, रूस ने एक बड़ा ऐलान किया है कि वो शनिवार से फिनलैंड को बिजली की आपूर्ति देना बंद कर देगा। माना जा रहा है कि फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के फैसले को लेकर रूस ने ये कदम उठाया है।
फिनलैंड को रूस ने दिया करारा जवाब
पिछले दिनों फिनलैंड ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने ऐलान किया था कि उनका देश नाटो संगठन में शामिल होने के लिए आवेदन का समर्थन करता है। इस बाबत जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। फिनलैंड के पीएम और राष्ट्रपति ने कहा था कि नॉर्डिक देश को सोवियत संघ का मुकालबा करने के लिए अब पश्चिमी गठबंधन की सदस्यता बिना देरी किए ले लेनी चाहिए। माना जा रहा है कि फिनलैंड के इसी फैसले से रूस खफा है और उसने फिनलैंड को बिजली देने से मना कर दिया है।
रूस के लिए खतरा साबित होगा ये
फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की घटना रूस के लिए अच्छी नहीं है। रूस की फिनलैंड के साथ करीब 1,340 किलोमीटर लंबी सीमा है। रूस को अब इस बात की चिंता है कि नाटो रूसी सीमाओं के नजदीक कौन सा बुनियादा ढांचा विकसित करती है। रूस को इसी बात का डर था कि कहीं स्वीडन और फिनलैंड नाटो में शामिल ना हो जाएं। इसी को लेकर रूस ने पिछले दिनों स्वीडन और फिनलैंड को चेतावनी भी दी थी कि अगर वो नाटो में शामिल होते हैं तो इसके दूरगामी सैन्य और राजनीतिक परिणाम होंगे।
पुतिन लगातार कर रहे ये काम
रूस पहले ही नाटो सीमाओं के पास अपने स्थिति मजबूत करने में लगा हुआ है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पिछले दिनों रूस की पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत करने का आदेश दिया था। अब रूस को स्वीडन से जुड़ी सीमाओं पर भी अपनी ताकत लगानी होगी वहीं नाटो सेना अब स्वीडन से संधि के बाद रूस की सीमा के काफी करीब तक पहुंच जाएगी जिसे कूटनीतिक दृष्टि से रूस के खिलाफ माना जा रहा है।
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु ने फोन पर बात की। दोनों शीर्ष मंत्रियों के बीच पहली बातचीत को लेकर पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने शुक्रवार को बताया, ऑस्टिन ने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम का आग्रह किया और कम्युनिकेशन को बनाए रखने पर जोर दिया।