फ़ुटबॉल के बादशाह इन दिनों खूब चर्चा में बने हुए है। दुनिया के सबसे बेहतरीन फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में शामिल क्रिस्टियानो रोनाल्डो जब से सऊदी अरब के अल-नस्र क्लब में शामिल हुए हैं, तब से सोशल मीडिया पर उनकी कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं।
किसी तस्वीर में वह सऊदी अधिकारियों के साथ खाना खाते नज़र आते हैं तो किसी वीडियो में वह प्रैक्टिस करते हुए नज़र आते हैं. हालांकि, दो मैचों के प्रतिबंध की वजह से वह अब तक सऊदी क्लब के लिए कोई मैच नहीं खेल सके हैं। लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी सऊदी अरब में बहस का विषय बन गयी है। क्योंकि रोनाल्डो सऊदी अरब के एक आलीशान घर में अपनी लिव-इन पार्टनर जॉर्जिना के साथ रह रहे हैं। जबकि सऊदी अरब में लागू इस्लामिक शरिया क़ानून इसकी इजाज़त नहीं देता।वहीं फ़ुटबॉल की दुनिया से जुड़े लोगों का मानना है कि रोनाल्डो को उनकी पार्टनर जॉर्जिना के साथ ‘सऊदी अरब में रहने के लिए छूट मिल सकती है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विज़न 2030 के लिहाज़ से एक अहम क़दम है। और सऊदी अरब इसे ‘स्पोर्ट वाशिंग’ के तौर पर इस्तेमाल करते हुए देश में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघनों से ध्यान हटाने की कोशिश करेगा।
सऊदी अरब का शरिया क़ानून
सऊदी अरब में शरिया क़ानून लागू है जो अविवाहित जोड़ों को एक साथ रहने से रोकता है।आमतौर पर, जब भी कोई पुरुष और महिला किसी होटल में रहते हैं या मकान मालिक किसी को अपना घर किराए पर देते हैं। तो उनसे महरम होने का दस्तावेज़ी सबूत मांगा जाता है। जो अधिकारियों के पास जमा किया जाता है।
रोनाल्डो और जॉर्जिना के मामले में नरमी बरती जाएगी
इस क़ानून का उल्लंघन करने पर सख्त क़ानूनी कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि इस क़ानून पर अमल करने में पिछले कई वर्षों से विदेशियों के लिए नरमी बरती गई है। लेकिन रोनाल्डो और जॉर्जिना को सऊदी अरब में एक लंबे समय तक रहना होगा। इसलिए उनका वहां रहना बहस का विषय बना हुआ है। वहीं इस मामले में क़ानूनी जानकारों की यही राय है कि सऊदी अरब क़ानून में बदलाव तो नहीं करेगाष लेकिन रोनाल्डो और जॉर्जिना के मामले में विदेशियों के लिए बरती जाने वाली नरमी इस केस में भी देखी जा सकती है।