अमेरिका की ओर से न्यूक्लियर पावर बढ़ाने की कोशिशों पर चीन ने नाराजगी जताई है। चीन ने अमेरिका को हिदायत दी है और कहा कि उसे कोल्ड वार की मानसिकता से बाहर आना चाहिए। आपको बता दे कि इससे पहले पेंटागन ने शुक्रवार (2 फरवरी, 2018) को न्यूक्लियर पोश्चर रिव्यू (एनपीआर) रिपोर्ट में कहा था कि वे दुनिया में खतरों से निपटने के लिए अपने न्यक्लियर क्षमता का विस्तार करेंगे। अपने एनपीआर रिपोर्ट में रूस और चीन को भी अमेरिका ने चेतावनी देते हुए कहा था कि वे अपने न्यूक्लियर क्षमता को सीमित रखें।
चीन के गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि शांति और विकास का विश्व में बड़ा महत्व है। विश्व की बड़ी न्यूक्लियर शक्ति अमेरिका को भी शांति और विकास का ध्यान रखना चाहिए। चीन ने कहा, ‘हमने हमेशा ही परमाणु हथियारों के विकास को नियंत्रित करने को लेकर रवैया अपनाया है और अपने परमाणु शक्तियों को नियंत्रण में रखा है।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अमेरिका अपनी शीत युद्ध की मानसिकता को खत्म करेगा।’ यही नहीं चीन ने कहा कि अमेरिका को उसके साथ आना चाहिए। चीन के मुताबिक दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध से क्षेत्र में स्थिरता पैदा हो सकेगी
आपको बता दें कि पेंटागन ने अपने एनपीआर रिपोर्ट में न्यूक्लियर वेपंस को लेकर चीन, रूस, ईरान और नॉर्थ कोरिया समेत आतंकवाद तक का जिक्र किया है। अमेरिका ने कहा है कि आतंकवाद अगर परमाणु हथियार हासिल करने में सक्षम हुए, तो टेरर ग्रुप्स को समर्थन करने वाले देश ही इसके लिए जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा, अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया को भी धमकी देते हुए कहा था कि अगर यूएस या उनके सहयोगी देश पर न्यूक्लियर अटैक की हिमाकत भी की, तो वॉशिंगटन प्योंगयांग का अस्तित्व ही खत्म कर देगा।
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