आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चुनाव से पहले कांग्रेस से गठबंधन के असफल प्रयास के बाद कहा है कि कांग्रेस देश भर में विपक्ष को कमजोर कर रही है। सिसोदिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली और देश भर में जीतती है और सत्ता में वापस आती है तो इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने से भाजपा को फायदे की संभावना के प्रश्न पर सिसोदिया ने कहा, "कांग्रेस विपक्ष को सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में कमजोर कर रही है। भाजपा अगर दिल्ली या इसके बाहर कोई भी सीट जीतती है तो इसकी जिम्मेदार कांग्रेस होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि आप दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन को तैयार थी क्योंकि उसके दिमाग में अन्य राज्य थे जहां वोटों को विभाजित होने से बचने के लिए सीट बंटवारा जरूरी था। आप नेता ने जोर देकर कहा, "हमारी बातचीत के केंद्र में दिल्ली कभी थी ही नहीं, हम यहां सातों सीटें जीत सकते हैं और जीतेंगे..हम अन्य राज्यों के बारे में सोचकर गठबंधन के लिए तैयार थे। कांग्रेस यहां सात में से एक भी सीट नहीं जीतने वाली।"
दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर फरवरी से बातचीत चल रही थी जो पिछले सप्ताह कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित करने के साथ खत्म हो गई। कांग्रेस सिर्फ दिल्ली में सीट बंटवारे की बात कर रही थी, जबकि आप हरियाणा, पंजाब, गोवा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 33 सीटें मांग रही थी। इसके बाद, आप सिर्फ दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में 18 सीटों पर राजी हो गई लेकिन कांग्रेस इसके लिए भी सहमत नहीं हुई और अंत तक सिर्फ दिल्ली में सीट बंटवारे की बात करती रही।
सिसोदिया ने विश्वास जताते हुए कहा कि आप के उम्मीदवार दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करेंगे और कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस को प्रतिद्वंदी नहीं मानती है। दिल्ली में लोकसभा चुनाव 12 मई को होंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह पूछने पर कि उनकी पार्टी के लिए यहां जीतना जरूरी क्यों है, सिसोदिया ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे, जो काम अन्य दो पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने नहीं किया।