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मोदी का ममता पर निशाना, कहा-दीदी को पाक PM को PM मानने पर गौरव का होता है अनुभव

केंद्र सरकार यहां के अधिकारियों के साथ बात करना चाहती थी और राज्य की मदद करना चाहती थी, लेकिन ‘दीदी’ ने भी मना नहीं किया वह बैठक।

Desk Team

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे है। पीएम मोदी ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की यहां बीजेपी की रैली न हो पाए इसके लिए TMC सरकार ने पूरी शक्ति लगा दी थी। दीदी कितनी परेशान है, उसका अंदाज़ा उनकी भाषा से लगाया जा सकता है। वो अब मेरे लिए पत्थरों की बात करती हैं, थप्पड़ों की बात करती हैं। मुझे तो गालियों की आदत है लेकिन बौखलाहट में दीदी देश के संविधान का भी अपमान कर रही हैं। लेकिन जिस पर आपका आशीर्वाद हो, उसे आपके बीच आने से कोई नहीं रोक सकता।

पीएम मोदी ने ममता बनर्जी के बयान पर निशाना साधते हुए कहा की दीदी देश के संविधान का अपमान कर रही हैं। वह कह रही हैं की देश के प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री मानने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन उनको पाकिस्तान के PM को PM मानने में गौरव का अनुभव होता है। पीएम मोदी ने कहा, जब पश्चिम बंगाल में समुद्री तूफान आया, तो मैंने दीदी को दो-दो बार फोन किया, लेकिन उनका अहंकार इतना है कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से बात करना उचित नहीं समझा।

केंद्र सरकार यहां के अधिकारियों के साथ बात करना चाहती थी और राज्य की मदद करना चाहती थी, लेकिन 'दीदी' ने भी मना नहीं किया वह बैठक। आज स्थिति ये है कि यहां की मुख्यमंत्री तो दीदी हैं, लेकिन वो पीछे रहकर कैसे कैसों की दादागिरी और हुकूमत चलवा रही है। नाम का शासन तो TMC रखा है लेकिन कारोबार दीदी के 'जगाई-मथाई' चला रहे हैं।

उन्होंने कहा, दीदी को उन काली भक्तों, सरस्वती भक्तों, दुर्गा भक्तों और राम भक्तों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनको पूजा भी डर-डर कर करनी पड़ती है। दीदी के दिल में घुसपैठियों के लिए और विदेशी कलाकारों के लिए ममता है। लेकिन हमारे आदिवासी युवा, हमारे सपूत जो राष्ट्र रक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, उनके लिए कोई ममता नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा, जब हमारे वीर सपूतों ने पाकिस्तान के आतंकियों को घर में घुसकर मारा, तो दीदी ने आतंकियों की लाशें दिखाने की मांग की। जब पूरा देश सर्जिकल स्ट्राइक डे मना रहा था, तो पश्चिम बंगाल की सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। आपके इस सेवक ने गरीबों को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। आयुष्मान भारत योजना से आपका इलाज भी मुफ्त में हो सकता था, लेकिन स्पीड ब्रेकर दीदी ने इस पर भी रोक लगा दी। ऐसी असंवेदनशील मानसिकता को उखाड़ फेंकना जरूरी है।