बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए समर्थक लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अकेले चुनावी मैदान में उतरे का फैसला कर लिया है। इससे जाहिर है कि चिराग पासवान अकेले ही लोजपा को रोशन करने की तैयारी में हैं। हालांकि पार्टी ने यह भी साफ़ किया है कि वह इन चुनावों में बीजेपी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, जबकि पार्टी जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।
लोजपा के राजग से अलग होने के फैसले पर लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को अपना बयान दिया। उन्होंने कहा, हमें वर्तमान बिहार के सीएम से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने उन पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। आज मेरे लिए यह चिंता का विषय है कि बिहार के सीएम विकास के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने कहा, बिहार की माजूदा सरकार की योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर नहीं पहुंचा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : RJD और JDU ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का किया ऐलान
चिराग ने कहा, अगर मुझे आसान रास्ता चुनना होता तो मैं ‘गठबंधन’ में शामिल हो जाता, लेकिन मैं बिहार को उसका हक दिलाने और राज्य के खोए हुए गौरव को वापस लाने के लिए मैंने एक कठिन रास्ता चुना। इसके साथ ही उन्होंने कहा, बिहार में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व में बनेगी, जिसमें लोजपा भी शामिल रहेगी। लोजपा के सभी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करेंगे।
रविवार को चिराग पासवान की अध्यक्षता में हुई संसदीय दल की बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एनडीए से अलग होने का निर्णय लिया है। चिराग के इस ऐलान ने जेडीयू में खलबली मचा दी है। लोक जनशक्ति पार्टी ने फैसला लिया है कि पार्टी एनडीए गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार की अगुवाई में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। एलजेपी को मुख्यमंत्री पद के नीतीश कुमार का चेहरा मंजूर नहीं है।