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रामविलास की पुण्यतिथि के बहाने खूब हुई सियासत, क्या यह था शक्ति प्रदर्शन या नया सियासी समीकरण

बिहार में लोजपा कार्यालय में उनके भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए तो दिल्ली में उनके पुत्र और सांसद चिराग पासवान द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए।

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि के मौके पर दिल्ली से लेकर पटना तक कार्यक्रम आयोजित हुए। बिहार में लोजपा कार्यालय में उनके भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए तो दिल्ली में उनके पुत्र और सांसद चिराग पासवान द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर सियासत भी खूब हुई, लेकिन बिहार की सियासत में यह सवाल उठाया जाने लगा है कि लोजपा के दोनों गुटों का यह शक्ति प्रदर्शन तो नहीं?
दोनों गुटों ने रामविलास पासवान के नाम को साधने की जमकर कोशिश की
वैसे, इतना तो साफ है कि दोनों गुटों ने इस पुण्यतिथि के मौके पर रामविलास पासवान के नाम को साधने की जमकर कोशिश की। चिराग पासवान के दिल्ली में आयोजित शोकसभा कार्यक्रम में राजद के प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सहित वामपंथी नेता भी पहुंचे और रामविलास की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्घांजलि अर्पित की। इस दौरान सभी नेताओं ने चिराग पासवान से मुलाकात की।
लालू प्रसाद ने रामविलास पासवान को गरीबों का मसीहा बताया
नेताओं की आपस में क्या बात हुई यह तो मालूम नहीं चल पाया, लेकिन लालू प्रसाद ने रामविलास पासवान को गरीबों का मसीहा बताया तथा कहा कि अब सारी जिम्मेदारी चिराग पासवान के ऊपर है। उन्होंने चिराग को आशीर्वाद भी दिया।उल्लेखनीय है कि बिहार की दो विधानसभा सीटों (तारापुर और कुशेश्वरस्थान) के लिए हो रहे उपचुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच समझौता नहीं हो पाया है। इन दोनों दलों ने दोनों सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने भी अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं।
राहुल और लालू प्रसाद साथ जरूर दिखे, लेकिन बिहार कांग्रेस और राजद में तल्खियां बढ़ी हैं
इधर, चिराग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राहुल और लालू प्रसाद साथ जरूर दिखे, लेकिन बिहार कांग्रेस और राजद में तल्खियां बढ़ी हैं। बिहार कांग्रेस ने राजद पर गठबंधन धर्म नहीं मानने का आरोप भी लगाया है। गौरतलब है कि इन नेताओं की पुण्यतिथि के मौके पर मुलाकात तब हुई है जब लोजपा के दोनों गुटों को चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम भी दे दिया है।
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच एक तरह का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला
दूसरी ओर, कहा जा रहा है कि रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि के मौके पर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच एक तरह का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला। पटना में पशुपति पारस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राजद नेता तेजप्रताप यादव भी पहुंचे। अब इन मुलाकातों के सियासी मायने लगाए जाने लगे हैं।
रामविलास जन-जन के नेता रहे हैं
इधर, कई स्थाानों पर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस कहते हैं कि रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि केवल दिल्ली और पटना में ही नहीं गांवों में भी मनाई जा रही है। इसमें कोई अलग बात नहीं है। उन्होंने कहा कि रामविलास जन-जन के नेता रहे हैं।

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