LJP के इकलौते विधायक JDU में शामिल, नाखुश लोगों को पार्टी में बनाए रखना चिराग के लिए बड़ी चुनौती - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

LJP के इकलौते विधायक JDU में शामिल, नाखुश लोगों को पार्टी में बनाए रखना चिराग के लिए बड़ी चुनौती

बिहार विधानसभा में लोक जनशक्ति पार्टी का एकमात्र चिराग भी बुझ गया है। लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह जदयू में शामिल हो गए। चुनाव में तीसरे नंबर पर खिसकने के बाद जनता दल (युनाइटेड) न केवल संगठन को मजबूत करने में जुटी है बल्कि अपने कुनबे को बढ़ाने और सहेजने की कोशिश कर रही है।

बिहार विधानसभा में लोक जनशक्ति पार्टी का एकमात्र चिराग भी बुझ गया है। लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह जदयू में शामिल हो गए। चुनाव में तीसरे नंबर पर खिसकने के बाद जनता दल (युनाइटेड) न केवल संगठन को मजबूत करने में जुटी है बल्कि अपने कुनबे को बढ़ाने और सहेजने की कोशिश कर रही है।
यही कारण माना जा रहा है कि विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का कुनबा साफ करने के बाद जदयू ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का भी विधानसभा में चिराग बुझा दिया। इसके कयास उसी दिन से लगने लगे थे, जब राजकुमार सिंह जदयू के नेता और मंत्री अशोक चौधरी से मिले थे और दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई थी। दीगर बात है कि उस समय दोनों नेताओं ने पुरानी मित्रता का हवाला देते हुए किसी भी कयास से पल्ला झाड दिया था।
विधानसभा चुनाव 2020 में बेगूसराय के मटिहानी से लोजपा के टिकट पर चुनाव जीते राजकुमार सिंह मंगलवार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा कि वे विधानसभा में अपनी पार्टी का विलय जदयू में करना चाहते हैं। सिंह अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं, इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं आई और वे जदयू में शामिल हो गए। लोजपा के इकलौते विधायक का पार्टी से बगावत कर जदयू में शामिल होना लोजपा के चिराग पासवान के लिए किसी बडे झटके से कम नहीं माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जदयू ने बसपा के इकलौते विधायक जमा खान को भी अपने पाले में मिला लिया था। जमा खान के पाला बदलने से विधानसभा में बसपा का जदयू में विलय हो गया था। लोजपा का विधान परिषद में भी 22 फरवरी को उस समय कुनबा साफ हो गया था, जब लोजपा की एकमात्र सदस्य नूतन सिंह भाजपा में शामिल हो गईं थी।
वैसे, लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही यह माना जा रहा था, कि लोजपा को एकजुट रखना पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान के लिए आसान नहीं होगा। इस बीच, पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा राजग से अलग होकर उन क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतार दी जिस क्षेत्र से राजग के प्रमुख घटक दल जदयू अपने प्रत्याशी उतारी थी। इससे जदयू नाराज हो गई।
चुनाव में लोजपा को मात्र एक सीट मिली, लेकिन उसके बाद लोजपा में नाराजगी खुलकर सामने आ गई। लोजपा के कई नेता कांग्रेस में भी शामिल हो गए। इधर, लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी कहते हैं कि लोजपा को धोखा देने वालों की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में राजकुमार सिंह ने जदयू के पक्ष में वोट दिया था जिसके लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया था।
इस नोटिस के बाद विधायक राजकुमार सिंह भाग खड़े हुए। उन्होंने कहा कि कारण बताओ नोटिस के बाद विधायक ने पार्टी छोड़ी। बहरहाल, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के लिए नाखुश लोगों को पार्टी में बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। देखना है कि वे इससे कैसे निपट पाते हैं और पार्टी को फिर से पुराने दिन कैसे लौटा पाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

six − three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।