बिहार की राजनीति अब कोई नया मोड़ लेने जा रही है, एक तरफ अपने मनमौजी अंदाज को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने राष्ट्रिय जनता दल (राजद) पर पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा करके एक बड़ा बम फोड़ दिया है। वहीं दूसरी तरफ अब तेजप्रताप यादव बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और अपनी मां राबड़ी देवी के घर रहने चले गए हैं। दरअसल लालू के बड़े लाल ने अपने खिलाफ हो रही साजिशों पर रोक लगाने के लिए यह फैसला किया है, यही कारण है कि तेजप्रताप यादव अपना बोरिया बिस्तरा लेकर 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के निवास पर पहुंच गए हैं।
राबड़ी देवी के आवास में ही रहते हैं तेजस्वी यादव
तेजप्रताप यादव रात को ही अपने पूरे समान के साथ राबड़ी देवी के घर पहुंचे और उनके आवास में ही सोए, यहां दिलचस्प बात यह है कि लालू प्रसाद यादव के दूसरे बेटे तेजस्वी यादव अपनी पत्नी राजश्री के साथ मां राबड़ी देवी के आवास में रहते हैं। बता दें कि तेजस्वी यादव को भी पोलो रोड में बंगला मिला हुआ, जिसमें लालू प्रसाद आते हैं तो यहीं ठहरते हैं। तेजप्रताप यादव का यह मानना है कि उनके खिलाफ जितनी भी साजिशें हो रही है वो राबड़ी देवी के आवास से ही हो रही हैं, इफ्तार पार्टी के बाद से ही राजद में यह मनमुटाव बढ़ा है और बात तेजप्रताप यादव के इस्तीफे की घोषणा तक आ गयी है।
तेजप्रताप यादव पर पार्टी के ही नेता ने लगाए मारपीट के आरोप
युवा राजद की नगर इकाई के प्रमुख रामराज यादव ने आरोप लगाया था कि तेज प्रताप ने शुक्रवार को उनकी मां राबड़ी देवी के घर के अंदर अपने वफादार समर्थकों की मदद से उन्हें निर्वस्त्र किया, पीटा और गाली दी। रामराज ने आरोप लगाया, “उन्होंने न केवल मेरे खिलाफ, बल्कि (छोटे भाई) तेजस्वी यादव और यहां तक कि (पिता) लालू प्रसाद के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया।”
RJD के लिए मुश्किलों का सबब बनेंगे तेजप्रताप
अस्थिर स्वभाव के लिए जाने जाने वाले तेज प्रताप ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले एक समानांतर संगठन बनाया था, जब उनके कुछ साथियों को राजद ने टिकट देने से इंकार किया था। हालांकि, वह विभाजन की अटकलों को झुठलाते हुए पार्टी के साथ बने रहे। पिछले साल उन्होंने अपने एक करीबी सहयोगी को राजद के छात्र संगठन से बर्खास्त किए जाने के बाद फिर से छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया। तेज प्रताप ने हाल ही में नीतीश कुमार के साथ “निजी बात” करने का भी दावा किया था और बिहार की राजनीति में एक बड़ा “खेला” (खेल) का दावा किया था, वहीं राजद ने उनके दावे से दूरी बना ली थी।