लेट जीएसटी रिटर्न पर व्यापारियों को बड़ी राहत, अधिकतम ₹500 जुर्माना : वित्त मंत्री सीतारमण - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

लेट जीएसटी रिटर्न पर व्यापारियों को बड़ी राहत, अधिकतम ₹500 जुर्माना : वित्त मंत्री सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान शून्य कर देनदारी वाले पंजीकृत इकाइयों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का रिटर्न देर से दाखिल करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान शून्य कर देनदारी वाले पंजीकृत इकाइयों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का रिटर्न देर से दाखिल करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि अन्य इकाइयों के लिये जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक की अवधि के लिये मासिक बिक्री रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगेन वाले शुल्क को घटाकर अधिकतम 500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोरोना वायरस महामारी के असर पर चर्चा की। 
इसके अलावा कुछ उद्योगों पर ‘उलटे शुल्क ढांचे’ (इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर) से जीएसटी संग्रह पर पड़ रहे असर को लेकर भी चर्चा की गयी। जीएसटी परिषद ने वस्त्र उद्योग में उलटा शुल्क ढांचे के बारे में भी बातचीत की। जीएसटी परिषद अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं को राहत देते हुए फरवरी, मार्च और अप्रैल के रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगने वाले ब्याज को शुक्रवार को आधा कर दिया। अब इसकी दर नौ प्रतिशत रहेगी। हालांकि यह लाभ सिर्फ तभी मिलेगा, जब सितंबर 2020 तक रिटर्न दाखिल कर दिये जायेंगे। 
इसके अलावा जीएसटी परिषद ने मई, जून और जुलाई के लिये रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को भी सितंबर तक बढ़ा दिया। इसके लिये कोई ब्याज या विलंब शुल्क नहीं लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए शुक्रवार को ये जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान शून्य कर देनदारी वाले पंजीकृत इकाइयों को जीएसटी रिटर्न देर से दाखिल करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। 
सीतारमण ने कहा कि अन्य इकाइयों के लिये जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक की अवधि के लिये मासिक बिक्री रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगेन वाले शुल्क को घटाकर अधिकतम 500 रुपये कर दिया गया है। 
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोरोना वायरस महामारी के असर पर चर्चा की। इसके अलावा कुछ उद्योगों पर ‘उलटे शुल्क ढांचे’ (इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर) से जीएसटी संग्रह पर पड़ रहे असर को लेकर भी चर्चा की गयी। जीएसटी परिषद ने वस्त्र उद्योग में उलटा शुल्क ढांचे के बारे में भी बातचीत की। जीएसटी परिषद अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है। वित्त मंत्री ने कहा कि पान मसाला पर कर लगाने के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की अगली नियमित बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जुलाई में परिषद की एक विशेष बैठक होगी जिसमें चर्चा का केवल एक मुद्दा- राज्यों की क्षतिपूर्ति जरूरतों का होगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।