नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के आठ अस्पतालों को शनिवार से नए चिकित्सा अधिक्षक (एमएस) मिल जाएंगे। शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इसकी घोषणा की। इनमें से आधे अस्पताल पूर्व एमएस के 62 वर्ष के हो जाने और वीआरएस लेने की वजह से खाली थे, जबकि शेष पर नियुक्त एमएस को बदला गया है। दिल्ली सरकार से मिली जानाकरी के अनुसार दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक में पूर्व एमएस जेसी पासी के 62 वर्ष के हो जाने से खाली पड़े सीट पर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेडियोग्राफी विभाग के डायरेक्टर प्रो. डॉ. किशोर सिंह को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वहीं संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के सीएमओ डॉ. मनमोहन कोहली को बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल का चिकित्सा निदेशक बनाया है। जबकि डॉ. विकास रामपाल को दीपचंद बंधु, डॉ. राजीव सागर को महर्षि वाल्मीकि अस्पताल, डॉ. एके जामरानी को अरुणा आसफ अली, डॉ. वीके कदम को राव तुलाराम, डॉ. एससी चंद्रा को अत्तर सिंह नेत्र चिकित्सालय और डॉ. रीतू रंजन को डॉ. एनसीजे मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग ने सभी को तत्काल अपनी जिम्मेदारियां निभाना शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं।
एमएस को 3 साल की सजा, 3 लाख जुर्माना
एक तरफ जहां आठ डॉक्टरों को चिकित्सा अधिक्षक का पदभार सौंपा गया है, वहीं अरूणा आसफ अली अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधिक्षक डॉ. सुरेंद्र सिंह को निलंबित किया गया है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से मिली जानाकरी के अनुसार डॉ. सिंह पर भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे थे। कई मामलों में दिल्ली पुलिस के सिविल लाइंस थाना और एंटी करप्शन विभाग में एफआइआर भी हो चुकी है। बता दें कि पंजाब केसरी ने समय समय पर इससे जुड़ी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।