कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में सिंघू बॉर्डर के निकट प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन कर रहे एक सिख संत ने बुधवार को कथित रूप से आत्महत्या कर ली। बृहस्पतिवार को चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेताओं ने संत बाबा राम सिंह को श्रद्धांजलि दी। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि संत बाबा राम सिंह ने केंद्र सरकार की गलतियों की वजह से आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक किसानों की मांगें नहीं मान लेती, तब तक वे धरना वापस नहीं लेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह पांच दिन से भूख हड़ताल पर हैं और उनकी स्थिति खराब होने पर जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने धरना स्थल पर पहुंचकर उनकी जांच की। योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि पांच दिन तक चिल्ला बॉर्डर खुला रहा, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से किसान आयोग बनाने की कोई पहल नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि इससे आक्रोशित किसानों ने बुधवार से चिल्ला बॉर्डर को फिर से जाम कर दिया है। उन्होंने बताया कि अभी नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग को बाधित किया गया है। दिल्ली से नोएडा आने वाले मार्ग को बाधित करने पर विचार चल रहा है। किसानों द्वारा चिल्ला बॉर्डर बाधित किए जाने के बाद लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।