राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को निर्देश दिया है कि वह ओखला कचरा निस्तारण संयंत्र में कथित तौर पर खुले में कचरा जलाए जाने पर एक महीने में रिपोर्ट दे। खुले में कचरा जलाए जाने से हवा में कई विषैले प्रदूषक पहुंचते हैं।
एनजीटी ने देश भर में खुले में कचरा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है और भारी मात्रा में खुले में कचरा जलाने वाले पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा है। जसोला रेजीडेंट वेलफेयर असोसिएशन ने न्यायाधिकरण के समक्ष आरोप लगाया था कि ओखला संयंत्र में अधिकारियों और चौकीदारों की मौजूदगी में खुले में कचरा जलाया जा रहा था।
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असोसिएशन ने एनजीटी को तस्वीरें भी सौंपी जिसमें नजर आ रहा है कि कचरा जलाए जाने से हवा में काफी प्रदूषण हो रहा है। पिछले हफ्ते याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने डीपीसीसी को एक महीने के अंदर ईमेल द्वारा कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा था। अधिकरण ने इस मामले में अगली सुनवाई 24 सितंबर को तय की है।