संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग में लगभग दो महीनों से बंद एक सड़क को प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा शनिवार को खोले जाने के तुरंत बाद बंद कर दिया गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने फिर से रास्ते को थोड़ा सा खोल दिया है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘‘लगभग दो घंटे पहले प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शाहीन बाग में सड़क संख्या नौ को फिर से खोला लेकिन एक अन्य समूह ने इसे फिर बंद कर दिया।’’ ये सड़क नोएडा और फरीदाबाद जाने वाले एक वैकल्पिक रास्ते के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज की ओर जाने वाली एक सड़क के एक छोटे हिस्से को खोला था ताकि स्थानीय लोग अपने दोपहिया वाहनों से वहां से गुजर सके। हालांकि इस रास्ते के खुलने से नॉएडा मे लग रहे जाम पर कोई ख़ास असर नही होगा। भारी तादाद मे लोग अभी सड़क पर मौजूद है।
इससे पहले तीन दिन की बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद अब चौथे दिन यानी आज वार्ताकार साधना रामचंद्रन शाहीन बाग में पहुंची हैं और प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत की। रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारीयों से कहा कि हमने कल सड़क के बारे बात की थी। कल हमने आधी रोड की बात की, आपने सुरक्षा की बात की। मैंने ये नहीं कहा कि शाहीन बाग़ से चले जाएं।
प्रदर्शनकारियों ने रामचंद्रन से कहा कि अगर लिखित में सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलता तो बात खत्म। इस राम चंद्रन ने कहा कि क्या आप चाहते हैं, हम खुश होंगे? शाहीन बाग़ में एक खूबसूरत जगह खोजें, एक खूबसूरत बाग़ बने और वहां प्रोटेस्ट हो। क्या आपको ये आइडिया पसंद है? इस पर सारी महिलाओं ने साफ मना कर दिया।
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए साधना रामचंद्रन ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रोटेस्ट करने वालों को कभी पार्क जाने के लिए नहीं कहा। उन्होंने कहा कि गलतफहमी तोड़ती है। गौरतलब है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ इस प्रदर्शन की वजह से दक्षिणी दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली कालिंदी कुंज सड़क दो महीने से अधिक समय से बंद है जिससे स्थानीय लोगों समेत यहाँ से गुत्ररने वाले राहगीरों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।