उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कांस्टेबल की याचिका पर CBI से मांगा जवाब - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कांस्टेबल की याचिका पर CBI से मांगा जवाब

याचिका में दावा किया गया कि निचली अदालत ने दोनों मामलों को “गलत ढंग” से मिला दिया है क्योंकि एक पर मुकदमा सत्र कोर्ट में चलना था और दूसरे की सुनवाई मजिस्ट्रेट कोर्ट में होनी थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक कांस्टेबल की याचिका पर गुरुवार को सीबीआई से जवाब मांगा। कांस्टेबल ने उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़िता के पिता की कथित हत्या और उन पर गैर कानूनी रूप से हथियारों को रखने का आरोप लगाने के लिए अपने खिलाफ आरोप तय किए जाने को चुनौती दी है। 
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की। हाई कोर्ट ने मामले में निचली अदालत के डिजिटल रिकॉर्ड्स भी मांगे। न्यायिक हिरासत में लिए गए आमिर खान ने अपने खिलाफ हत्या और आपराधिक षड्यंत्र समेत अन्य आरोप तय किए जाने को रद्द करने की मांग की है। 
1558858553 cbi
खान ने आरोप लगाया कि 13 अगस्त का आदेश ‘‘अवैध, अनुचित, प्रतिकूल और दंड प्रक्रिया संहिता के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ’’ है। याचिका में कहा गया है, ‘‘निचली अदालत के न्यायाधीश ने अपने आदेश और तय किये गए आरोप में स्वीकार किया है कि पीड़िता के पिता की पिटाई के षड्यंत्र में याचिकाकर्ता की कोई भूमिका नहीं थी। इसलिए, याचिकाकर्ता (खान) समेत पुलिस अधिकारियों को हत्या के लिए जिम्मेदार बताना अवैध है।” 
उनके वकील ने हाई कोर्ट में दलील दी कि खान की भूमिका केवल प्राथमिकी दर्ज करने तक सीमित थी और उन्होंने हथियार की बरामदगी के एक मेमो पर हस्ताक्षर किए थे। दुष्कर्म पीड़िता उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 28 जुलाई को हुई सड़क दुर्घटना के बाद मौत से लड़ रही है। 
इस हादसे में पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी और उसका वकील घायल हो गया था। बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर 2017 में उससे बलात्कार करने का आरोप है। तब वह नाबालिग थी। पीड़िता के पिता की मौत से संबंधित मामले में निचली अदालत ने सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत ढंग से रोकना), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 193 (गलत सबूत) तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत 13 अगस्त को आरोप तय किए थे। 

जम्मू-कश्मीर में नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए विपक्ष का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन

इन सभी के खिलाफ तय किए गए आरोपों में भादंसं की धारा 323 (जानबूझ कर स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (जानबूझ कर खतरनाक हथियारों या तरीकों से चोट पहुंचाना), 166 (किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने की मंशा के साथ लोक सेवक का कानून की अवज्ञा करना) और 167 (चोट पहुंचाने की मंशा से लोक सेवक का गलत दस्तावेज तैयार करना) के तहत आने वाले अपराध भी शामिल हैं। 
कोर्ट ने मामले में आरोपी उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन अधिकारियों – माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, उपनिरीक्षक कामता प्रसाद और खान की जमानत भी रद्द कर दी थी और इन सभी के खिलाफ हत्या का आरोप तय होने के बाद उन्हें हिरासत में भेज दिया गया था। 
खान ने अपनी याचिका में कहा कि कथित हत्या और अवैध हथियार मामले में घटनाओं का आपस में कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें साथ नहीं मिलाया जा सकता और न ही उन पर संयुक्त रूप से मुकदमा चल सकता है। याचिका में दावा किया गया कि निचली अदालत ने दोनों मामलों को “गलत ढंग” से मिला दिया है क्योंकि एक पर मुकदमा सत्र कोर्ट में चलना था और दूसरे की सुनवाई मजिस्ट्रेट कोर्ट में होनी थी।
 इसमें कहा गया कि हत्या मामले का आरोप-पत्र खान को आरोप तय होने के बाद उपलब्ध कराया गया जो कि अवैध है। खान ने कहा कि उसे अपने वरिष्ठों/ सह आरोपियों के कहने पर प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी और ड्यूटी पर मौजूद अधिकारी होने के कारण उसे प्राथमिकी दर्ज करनी ही थी। 
याचिका में कहा गया कि अगर प्राथमिकी दर्ज करने भर से वह षड्यंत्र के लिए जिम्मेदार है तो उस समय थाने में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को अवैध हथियार मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए। दुष्कर्म पीड़िता के पिता को तीन अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया गया था और नौ अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में उनकी मौत हो गई थी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

six + 19 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।