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हुड्डा ने किसानों की मांग को ठहराया जायज, कहा-हम करते हैं पूर्ण समर्थन

केंद्र के इन कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे अन्नदाताओं को विपक्ष का पूरा सहयोग मिल रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों की मांगों को जायज ठराया है।

केंद्र सरकार द्वारा सितंबर में लाए गए 3 नए कृषि विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून में तब्दील कर दिया गया। लेकिन पंजाब और हरियाणा के किसान अब केंद्र से इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे है। केंद्र के इन कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे अन्नदाताओं को विपक्ष का पूरा सहयोग मिल रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों की मांगों को जायज ठहराया है।
हुड्डा ने आज कहा कि पंजाब या हरियाणा के अलग-अलग इलाक़ से दिल्ली की तरफ जाने वाले किसानों को खाने-पीने की व्यवस्था की जाये तथा उनके ठहरने और सोने के लिए भी तमाम प्रबंध किए जाएं। भरी ठंड में पानी की बौछारों या आंसू गैस के गोलों की वजह से प्रभावित किसानों को डॉक्टरी सहायता या इलाज में हर संभव मदद पहुंचाई जाए। 

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उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार तानाशाही तरीक़ से किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। लोकतंत्र में हर नागरिक और हर एक वर्ग को अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर किसानों से बातचीत करनी चाहिए और जल्द से जल्द उनकी मांगों को मानना चाहिए। किसानों की मांगें पूरी तरह जायज हैं और वो इन मांगों का पूर्ण समर्थन करते हैं। एमएसपी की गारंटी के बिना नए कृषि क़नून किसान हित में नहीं हो सकते। 
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि सरकार के त्रुबानी आश्वासन पर किसानों को भरोसा नहीं है। इसलिए वो इसे क़नून की शक्ल देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार ऐसा करने से पीछे हट रही है। इसलिए किसानों को सरकार की मंशा पर संदेह है। हमने हर मंच से सरकार के सामने पहले भी ये मांगें रखी थी और आगे भी रखेंगे; लेकिन सरकार लगातार इन जायज मांगों की अनदेखी कर रही है। यही वजह कि मजबूरन किसानों को महामारी के इस दौर में भी अपनी मांगे मनवाने के लिए सड़कों पर आना पड़ा।

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