हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर एक्साईज ड्यूटी में प्रति लिटर क्रमश: पांच व दस रुपयों की कटौती को नाकाफी बताया है। यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि जितने दाम केंद्र सरकार कम करके वाहवाही लूटना चाहती है, उतनी बढ़ोतरी तो सिर्फ अक्टूबर महीने में ही की गई थी।
उन्होंने लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए रसोई गैस के दामों में कटौती करने की मांग की। कुमारी सैलजा ने कहा कि मार्च 2014 में एलपीजी के घरेलू सिलेंडर की कीमत 410 रुपये थी। अब ये कीमत बढ़कर 900 रुपये हो चुकी है, जो केंद्र सरकार के 7 साल के कार्यकाल के दौरान दोगुने से भी अधिक है।
कांग्रेस नेता ने कटौती के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को श्रेय देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोग जब भी दाम बढ़ने को लेकर सवाल उठते हैं तो पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से की गई बढ़ोतरी बताकर सरकार पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन अब पेट्रोल-डीजल के दाम कम किये जाने का श्रेय प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को दिया जा रहा है यानी, दामों में बढ़ोतरी के लिए सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागती है और फिर दाम घटाने का श्रेय लेने के लिए खुद आगे आकर अपनी पीठ थपथपाती है।
उन्होंने कहा कि लेकिन जनता सरकार की जेब काटने की कला को बखूबी समझने लगी है, इसलिए विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को ट्रेलर दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि दरअसल, कुछ ही महीनों में विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार घबरा गई है इसलिए पेट्रोल-डीजल के दामों में मामूली सी कटौती कर लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश कर रही है, जो नामाफी साबित होने वाली है।