केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा और पंजाब के किसानों का छठे दिन भी आंदोलन जारी है। कानूनों को लेकर इस समय किसान संगठनों और केंद्र के बीच जारी बातचीत जारी है। ऐसे में हरियाणा में बीजेपी गठबंधन का हिस्सा जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का कहना है कि केंद्र को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित आश्वासन देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
जेजेपी प्रमुख एवं पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने कहा, ‘‘जब केन्द्रीय कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कह रहे हैं कि एमएसपी जारी रहेगा, तो उस पंक्ति को जोड़ने में (कानून में) क्या आपत्ति है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि इस बात का जल्द से जल्द कोई समाधान निकले। हमने सरकार में शामिल लोगों से किसानों की समस्या का समाधान ढूंढने को कहा है।’’
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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कोविड-19 और ठंड का हवाला देते हुए किसान संगठनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बजाय मंगलवार को ही बातचीत के लिए बुलाया था। गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगती सीमाओं के प्रवेश मार्गो पर मंगलवार को लगातार छठे दिन डटे हुए हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।