चंडीगढ : हरियाणा रोडवेज की हड़ताल 16 अक्टूबर से प्रदेशभर में जारी है। पिछले पांच दिनों से चल रही हड़ताल को कल तीन दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया था वहीं सरकार की तरफ से अभी तक किसी भी कर्मचारी नेता को बुलाकर बातचीत ना करने के आरोप रोडवेज यूनियन के पदाधिकारी लगा रहे हैं। रोडवेज विभाग की हड़ताल को लेकर जहां सरकार सख्ती दिखा रही है। सभी बस स्टैंडों के आसपास धारा-144 लागू की गई है तो वहीं रोडवेज विभाग के कर्मचारियों और यूनियन के पदाधिकारियों को गिरफ्तार, हिरासत, सस्पेंड जैसे कदम सरकार की तरफ से उठाए जा रहे हैं।
सरकार की तरफ से अखबारों में विज्ञापन जारी कर रोडवेज कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर भी जनता तक अपील की जा रही है। इधर रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब पूरे प्रदेश में साफ देखा जा रहा है। हड़ताल के चलते दशहरे के मौके पर लोग अपने घरों और रिश्तेदारों के यहां नहीं जा सके तो रोडवेज को भी रोजाना करोड़ों रुपये का घाटा इस हड़ताल की वजह से हो रहा है। रोडवेज विभाग की तरफ से अभी तक कर्मचारियों की एक मांग को मानने से साफ इंकार किया जा रहा है। हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों की हड़ताल आज लगातार पांचवें दिन भी जारी है। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण रोडवेज विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। 5 दिन बाद आज ज्यादातर कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
रोडवेज कर्मियों को कई विभागों के कर्मियों का समर्थन
एक तरफ जहां सरकार कर्मचारी नेताओं से बैठक कर बीच का रास्ता तलाशने की कोशिश कर रही है। वहीं तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य और इंटक यूनियन के स्टेट वाइस प्रेसिडेंट अनूप सहरावत का कहना है कि सरकार की ओर से कर्मचारी नेताओं को कोई बुलावा नहीं भेजा गया है। उन्होंने सरकार द्वारा रोडवेज विभाग में निकाले गये नये भर्ती विज्ञापन का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस विज्ञापन के जरिए सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने प्राइवेट बसों को रोडवेज में शामिल करने का विरोध किया है। निजीकरण के मुद्दे के साथ साथ कर्मचारी रोडवेज कर्मचारियों को दर्ज किए गए मुकदमें रद्द करने की मांग कर रहे हैं और साथ ही हटाए के कर्मचारियों को भी वापस लेने की मांग की जा रही है। कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी भी सरकार को भी है।
(आहूजा)