पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है और भारत भी इस महामारी के संकट से जूझ रहा है। इस जंग में देश के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी फ्रंट लाइन वारियर्स बनकर दिन रात मरीजों के इलाज में लगे है पर उन्हें खुद को भी इस महामारी के संक्रमण से बचा पाना एक गंभीर संकट बन गया है। केंद्र के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस से अब तक देशभर में करीब 548 डॉक्टर, नर्स और पराचिकित्सक संक्रमित हो चुके हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इन आंकड़ों में फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी, वार्डब्वॉय, सफाई कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड, लैब अटेंडेंट्स, चपरासी, लॉन्ड्री और रसोईघर के कर्मचारी शामिल नहीं हैं। एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, यह पता नहीं चला है कि ये डॉक्टर, नर्स और पराचिकित्सा कर्मी कहां से संक्रमण की चपेट में आए। इन आंकड़ों में राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र तथा राज्य सरकार के अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स तथा पराचिकित्सक शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘मामलों की महामारी विज्ञान संबंधी कोई जांच नहीं हुई तो इस बात की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कितने लोग कार्यस्थल पर बीमारी की चपेट में आए और कितने सामुदायिक रूप से इसकी चपेट में आए।’’ देश में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए कई डॉक्टरों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि अभी उनकी सटीक संख्या का पता नहीं चला है।
अधिकारियों ने बताया कि अभी तक राष्ट्रीय राजधानी में 69 डॉक्टर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से बुधवार सुबह तक देशभर में 1,694 लोगों की मौत हो गई और कुल 49,391 लोग संक्रमित पाए गए। इसके अलावा अभी तक 274 नर्स और पराचिकित्सक इस जानलेवा विषाणु से संक्रमित पाए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल में पिछले दो महीने से अधिक समय में सात रेजिडेंट डॉक्टरों और एक प्रोफेसर समेत 13 स्वास्थ्य देखभाल कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। एम्स में अभी तक एक रेजिडेंट डॉक्टर और पांच नर्सों समेत करीब 10 स्वास्थ्य देखभाल कर्मी संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा इस अस्पताल में कुछ सुरक्षागार्ड भी संक्रमित पाए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार इसके अलावा केंद्र और दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे कई स्वास्थ्यकर्मी भी इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं।