एंग्लो इतालवी फर्म अगस्ता वेस्टलैंड ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह माध्यसथम् (आर्बिट्रेशन) की कार्यवाही वापस लेगी। यह कार्यवाही भारतीय वायु सेना को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति का अनुबंध रद्द किये जाने के बाद शुरू किया गया था।
फर्म ने यह भी कहा कि वह भारत में दीवानी मुकदमा दायर करके कानून के तहत उपलब्ध समाधान हासिल करने की कोशिश करेगी।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अगस्ता वेस्टलैंड को माध्यस्थम् की कार्यवाही जारी रखने से रोकने की मांग की गई थी।
केंद्र ने कहा है कि माध्यस्थम् की कार्यवाही जारी नहीं रह सकती क्योंकि फर्म के खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं और पिछले साल दिसंबर में ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित करके लाया गया था और वह तिहाड़ जेल में बंद है।
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फर्म के वकील के बयान को दर्ज करने और केंद्र को इसपर कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते उसकी आपत्तियों को खुला रखा जाए इस बात पर गौर करने के बाद उच्च न्यायालय ने सरकार की याचिका का निस्तारण कर दिया।
अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि अगर फर्म माध्यस्थम् की कार्यवाही वापस लेना चाहती है तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उसकी आपत्तियों को खुला रखा जाए।
अदालत ने याचिका का इस निर्देश के साथ निस्तारण कर दिया कि फर्म माध्यस्थम् अधिकरण के समक्ष दायर दावा याचिका दो सप्ताह के भीतर वापस ले और उसे दीवानी कार्यवाही के लिये जाने की छूट दे दी।