कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री केयर्स फंड से खरीदे जाने वाले वेंटिलेटर की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद मंगलवार को AgVa हेल्थकेयर के को-फाउंडर प्रोफेसर दिवाकर वैश ने अपनी कंपनी के वेंटिलटर का डेमो करके दिखाया। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों पर कहा कि वह कोई डॉक्टर नहीं हैं।
दिवाकर वैश ने कहा, उनके वेंटिलेटर पर जो सवाल खड़े किए जा रहे हैं, वो निराधार हैं। क्वालिटी के आधार पर हमारा वेंटिलेटर हर मानक पर खरा उतरता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह इंटरनेशनल वेंडरों की साजिश है क्योंकि वो नहीं चाहते हैं कि भारत में वेंटिलेटर का निर्माण हो और इसलिए वे स्वदेशी प्रयासों को खत्म करने में जुटे हैं।
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उन्होंने कहा कि हमारे वेंटिलटर करीब 5 से दस गुना तक सस्ते हैं, एक वेंटिलेटर की कीमत 10-15 लाख तक होती है। लेकिन हमारे वेंटिलेटर की कीमत डेढ़ लाख रुपये तक है। इन प्रोडक्ट्स में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का जाल काम करता है, क्या वो लोग स्वदेशी प्रोडक्ट को बढ़ावा नहीं देंगे।
हमने रातभर में वेंटिलेटर का निर्माण नहीं किया है। हम तीन साल से मार्केट में हैं। चरणबद्ध तरीके से हमने इसे विकसित किया है। राहुल गांधी के आरोपों पर उन्होंने कहा, राहुल गांधी कोई डॉक्टर नहीं है। वो एक समझदार व्यक्ति है, उनको दावा करने से पहले पड़ताल करनी चाहिए थी। मैं अस्पताल में किसी भी मरीज के इलाज में इस वेंटिलेटर का इस्तेमाल कर के दिखा सकता हूं। ‘
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 5 जुलाई को एक ट्वीट में नरेंद्र मोदी सरकार पर देश की जनता की जिंदगी खतरे में डालने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि जनता के पैसे का इस्तेमाल मोदी सरकार घटिया प्रोडक्ट खरीदने के लिए कर रही है। उन्होंने अपने इस ट्वीट में एक विदेशी न्यूजवेबसाइट की लिंक को भी पोस्ट किया जिसके आर्टिकल में AgVa वेंटिलेटरों पर घटिया सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के आरोप थे।