भारत-चीन के बीच मौजूदा विवाद को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल (CDS) बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लद्दाख में हालात की समीक्षा और तैयारियों का जायजा लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में सशस्त्र बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की सेना के किसी भी प्रकार के आक्रामक रवैए से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है। भारतीय बलों को पूर्वी लद्दाख और अन्य सेक्टरों में चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया है।
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इसके साथ ही शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए। सूत्रों के मुताबिक चीन के साथ लगती सीमा की रक्षा के लिए भारत अब से अगल सामरिक तरीके अपनाएगा।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में तय किया गया कि भारत LAC पर तनाव को बढ़ावा नहीं देता है, लेकिन अन्य पक्ष ऐसा करते हैं तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इससे पहले भी तीनों सेना प्रमुखों के साथ इस मुद्दे को लेकर बैठक कर चुके हैं। गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं।