केंद्रीय मंत्री कटारिया का विवादित बयान, भारत का अन्नदाता किसान नहीं है बल्कि इसमें कुछ राजनीतिक तत्व - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

केंद्रीय मंत्री कटारिया का विवादित बयान, भारत का अन्नदाता किसान नहीं है बल्कि इसमें कुछ राजनीतिक तत्व

रत्न लाल कटारिया ने कहा, ये भारत का अन्नदाता किसान नहीं है बल्कि इसमें कुछ राजनीतिक तत्व घुस गए हैं, जैसे सोनिया गांधी, राहुल गांधी। ये मोदी जी की लोकप्रियता से बौखलाए हुए हैं और उन्हें बदनाम करने का बहाना ढूंढ रहे हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों 41वें दिन भी आंदोलन जारी रहा। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। इस बीच केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने किसानों के इस आंदोलन पर एक बार फिर विवादित बयान दिया है।
कटारिया ने मंगलवार को अपने बयान में कहा, ये भारत का अन्नदाता किसान नहीं है बल्कि इसमें कुछ राजनीतिक तत्व घुस गए हैं, जैसे सोनिया गांधी, राहुल गांधी। ये मोदी जी की लोकप्रियता से बौखलाए हुए हैं और उन्हें बदनाम करने का बहाना ढूंढ रहे हैं कि उनको किसान विरोधी करार दिया जाए।

राहुल ने की कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग, कहा- सरकार की उदासीनता के कारण 60 किसानों की गई जान

इससे पहले बीते महीने उन्होंने आंदोलनकारी किसानों को ‘पागल सांड बताया था, हालांकि बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा था कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने अपने इस बयान में कहा था कि ‘‘कानून-व्यवस्था अलग मुद्दा है और उसे बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मान लें कि एक सांड़ है जो पागल हो गया है और मेरी ओर दौड़ा आ रहा है, तो मैं अपनी रक्षा में कुछ तो करुंगा। मुझे अपनी जान तो बचानी है।’’ 
गौरतलब है कि कृषि सुधार से संबंधित तीन कानूनों को वापस लेने और एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर किसान संगठनों का आंदोलन राष्ट्रीय राजधानी में आज भी जारी रहा। पिछले तीन दिनों से खराब मौसम के बावजूद किसान संगठनों के नेता और कार्यकर्ता राजधानी की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। किसान संगठनों ने अपनी मांगों के पूरा होने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है। इस आन्दोलन को अलग- अलग संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen − ten =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।