भारत-चीन के बीच 9 अप्रैल को हो सकती है 11वें दौर की सैन्य वार्ता, शेष विवादों के समाधान करने पर जोर - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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भारत-चीन के बीच 9 अप्रैल को हो सकती है 11वें दौर की सैन्य वार्ता, शेष विवादों के समाधान करने पर जोर

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर बीते लगभग एक साल से टकराव जारी है। दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है और सैन्य वार्ता के जरिए कोशिशें जारी हैं।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर बीते लगभग एक साल से टकराव जारी है।  दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है और सैन्य वार्ता के जरिए कोशिशें जारी हैं।  इस बीच लद्दाख के गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग क्षेत्र में जारी तनाव को हल करने के लिए भारत-चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर की अगली वार्ता नौ अप्रैल को हो सकती है। सूत्रों से मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के बीच 11वें दौर की वार्ता 9 अप्रैल को होगी।
बता दें कि भारत तथा चीन ने 20 फरवरी को दसवें दौर की सैन्य वार्ता की जिसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोग्रा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा। पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से भारत और चीन के सैनिकों, अस्त्र-शस्त्रों तथा अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के दो दिन बाद कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की वार्ता हुई।
समझौते के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है तथा अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का समझौता हो गया है। उन्होंने कहा था कि समझौते के अनुरूप चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटाकर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ क्षेत्र की पूर्व दिशा की ओर ले जाएगा।
उन्होंने कहा था कि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी शिविर धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा। सिंह ने कहा था कि इसी तरह का कदम पैंगोंग झील के दक्षिणी तट क्षेत्र में उठाया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा था कि इस पर सहमति बनी है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक अन्य सभी मुद्दों को हल के लिए बुलाई जाएगी।
पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी। दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था और फिर हर रोज बदलते घटनाक्रम में दोनों पक्षों ने भारी संख्या में सैनिकों तथा घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी। गतिरोध के लगभग पांच महीने बाद भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर क्षेत्र में मुखपारी, रेचिल ला और मगर हिल क्षेत्रों में सामरिक महत्व की कई पर्वत चोटियों पर तैनाती कर दी थी।
नौवें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेषकर पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था। वहीं, चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर सामरिक महत्व की चोटियों से भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था।
भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है। कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था। लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी।

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