रक्षा मंत्री को सभापति एम वेंकैया नायडू का सुझाव : चीन मुद्दे पर प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाएं - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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रक्षा मंत्री को सभापति एम वेंकैया नायडू का सुझाव : चीन मुद्दे पर प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाएं

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री को सुझाव दिया कि वह प्रमुख नेताओं की अपने कक्ष में बैठक बुलाकर उन्हें लद्दाख की स्थिति के बारे में जानकारी दें।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री को सुझाव दिया कि वह प्रमुख नेताओं की अपने कक्ष में बैठक बुलाकर उन्हें लद्दाख की स्थिति के बारे में जानकारी दें। नायडू ने रक्षा मंत्री को यह सुझाव उस समय दिया जब उन्होंने पूर्वी लद्दाख की स्थिति के बारे में राज्यसभा में एक बयान दिया और विभिन्न दलों के सदस्यों ने स्पष्टीकरण पूछने की मांग की। 
इस पर नायडू ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और फौज सीमा पर खडी है। उन्होंने सुझाव दिया कि रक्षा मंत्री प्रमुख नेताओं की अपने कक्ष में बैठक बुलाएं। इस मौके पर संबंधित अधिकारी भी आकर जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक दुष्प्रचार चल रहा है कि भारत में इस मुद्दे पर मतभेद है। उन्होंने कहा कि हमें इस सदन से ऐसा संदेश देना चाहिए कि पूरा देश और संसद फौज के साथ एकजुट है। 
नायडू ने कहा कि भारत की परंपरा और संस्कृति ‘‘वसुधैव कुटुंबकम’’ और ‘‘सर्वेजना सुखिना भवन्तु’’ पर आधारित रही है। उन्होंने कहा ‘‘हजारों साल के इतिहास में हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है। ऐसा एक भी उदाहरण नहीं मिलेगा।’’ 
सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के मुद्दे पर हम सब एक हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चीन के साथ विवाद के मुद्दे पर पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है। लेकिन कोई समझौता नहीं होना चाहिए और अप्रैल में वे (चीनी सैनिक) जहां थे, उन्हें वहीं जाना चाहिए। यह हमारा प्रयास होना चाहिए। 
कांग्रेस के ही आनंद शर्मा ने कहा कि इस बारे में कोई शंका नहीं रहनी चाहिए कि भारत में एकता नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश से यह आवाज गूंजनी चाहिए कि हमें अपनी सेना पर गर्व है। शर्मा ने जोर दिया कि सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा होने के पहले वाली स्थिति बहाल होनी चाहिए। 
जद (यू) के आरसीपी सिंह ने कहा ‘‘चीन एक कृतघ्न देश रहा है। हमने उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता में मदद की, हमने पंचशील पर जोर दिया लेकिन उन्होंने बदले में आक्रामकता दिखायी।’’ सिंह ने कहा कि हमें पूरी मजबूती से उनके साथ बातचीत करनी चाहिए। 
सपा के रवि प्रकाश वर्मा ने कहा कि देश का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सीमा पर युद्ध की स्थिति बनाने पर तुला हुआ है। कांग्रेस नेता ए के एंटनी ने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि सरकार को वायदा करना चाहिए कि संप्रभुता की रक्षा के लिए जो भी जरूरी कदम होगा, हम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सीमा पर गश्त प्रणाली में बदलाव नहीं होना चाहिए। 
शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि हम पूरी तरह से जवानों के साथ खडे हैं और संयम, शौर्य हमारी परंपरा रही है। लेकिन चीन की परंपरा विश्वासघात की रही है और हमें सावधान रहना होगा। आप के संजय सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर हम पूरी तरह से सरकार और सेना के साथ खडे हैं। 
चर्चा में राजद के प्रेमचंद गुप्ता, द्रमुक के पी विल्सन, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, बीजद के प्रसन्न आचार्य, बसपा के वीर सिंह ने भी भाग लिया तथा उन्होंने रक्षा मुद्दे पर सेना तथा सरकार के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जतायी। 
विभिन्न सदस्यों द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण के जवाब में रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि देश ने पहले भी चुनौतियों का सामना किया है और आज इस सदन ने आश्वस्त कर दिया कि चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों नहीं हो, सभी देशवासी मिलकर उसका मुकाबला करेंगे। 
उन्होंने कहा कि भारत के सैनिकों को गश्त करने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि गश्त प्रणाली में कोई बदलाव नहीं होगा। 

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