वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ समावेशी विकास पर जोर दिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है, इसमें यथार्थ का अहसास और विकास का विश्वास भी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना ने दुनिया में जो प्रभाव पैदा किया उसने पूरी मानव जाति को हिला कर रख दिया। इन परिस्थितियों के बीच आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। उन्होंने कहा कि आज के बजट में आत्मनिर्भरता का विज़न भी है और हर वर्ग का समावेश भी है। हम इस में जिन सिद्धांतों को लेकर चले हैं वो हैं- ग्रोथ के लिए नई संभावनाओं का विस्तार करना, युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करना, मानव संसाधन को एक नया आयाम देना ।
उन्होंने आगे कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए नए क्षेत्र विकसित करना, आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ना, नए सुधार लाना है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं जिसमें शुरू के एक-दो घंटों में ही इतने सकारात्मक रिस्पांस आए । उन्होंने कहा कि इस बजट में MSME और इंफ्रास्ट्रक्टर पर विशेष ज़ोर दिया गया है। ये बजट जिस तरह से हेल्थ केयर पर केंद्रित है वो भी अभूतपूर्व है। इस बजट में दक्षिण के हमारे राज्य,पूर्वोत्तर के हमारे राज्य और उत्तर में लेह-लद्दाख जैसे क्षेत्रों में विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुत जोर दिया गया है। किसानों को आसानी से और ज्यादा ऋण मिल सकेगा। देश की मंडियों को और मजबूत करने के लिए प्रावधान किया गया है। ये सब निर्णय दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव हैं, हमारे किसान हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते कई एक्सपर्ट ये मानकर चल रहे थे कि सरकार आम नागरिकों पर बोझ बढ़ाएगी। लेकिन Fiscal sustainability के प्रति अपने दायित्वों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बजट का साइज बढ़ाने पर जोर दिया। नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आम लोगों के जीवन मे इज ऑफ लिविंग को बढ़ाने पर इस बजट में जोर दिया गया है। ये बजट Individuals, Industry, Investors और साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बहुत सकारात्मक बदलाव लाएगा।