प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की सातवीं किस्त के तौर पर योजना के एक साथ नौ करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के खाते में 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि भेजने के कार्य का बटन दबा कर शुभारंभ किया।
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि योजना के 9.04 करोड़ किसानों के बैंक खाते में दो घंटे के भीतर 18,058 करोड़ रुपये पहुंच जाएंगे। उन्होंने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत 11 करोड़ 4 लाख किसानों का पंजीयन किया जा चुका है और इस योजना के तहत इससे पहले देश के 10 करोड़ 59 लाख किसानों को 96,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाई गई है।
पीएम किसान योजना का सालाना बजट लगभग 75,000 करोड़ रुपये है। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि "पंजाब सहित थोड़े से कुछ किसान भाई-बहनों के मन में नए कानूनों को लेकर भ्रम पैदा हुआ है। मैं उनको आग्रह करता हूं कि वो इस आंदोलन को त्याग कर सरकार के वार्ता के निमंत्रण पर आएं। मुझे आशा है कि किसान नए कानून के मर्म और महत्व को समझेंगे और हम समाधान की ओर अग्रसर होंगे।"
नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर विभिन्न राज्यों के हजारों किसान और उनके परिजन करीब एक महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक केंद्र और 40 किसान संघों के बीच पांच दौर की औपचारिक वार्ता बेनतीजा रही है। सरकार ने किसानों को दो बार पत्र लिखकर अगले दौर की बातचीत उनके हिसाब से तय तारीख पर करने के लिए न्योता भेजा है।
किसान संगठनों के साथ बातचीत में तोमर के साथ केंद्रीय खाद्य, वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भाग ले रहे हैं। आंदोलनकारी किसान समूहों का कहना है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सुरक्षा तंत्र समाप्त हो जाएगा, मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और वे बड़े कॉर्पोरेटों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। सरकार कह रही है कि उनकी आशंका गलत है।