केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि दृष्टि से ओझल होने के बाद उड़ने वाले वाणिज्यक ड्रोनों (बीवीएलओएस) के परिचालन का अध्ययन करने के लिए जनवरी में परीक्षण किये जाएंगे और फिर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) उनपर मसौदा नियमावली जारी करेगा। मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र कुछ सप्ताह में बीवीएलओएस और अन्य ड्रोनों का पंजीकरण भी शुरू करेगा।
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उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का भावी इस्तेमाल बहुत अधिक है और केंद्र ‘बीवीएलओएस ड्रोनों को इजाजत देने की दिशा में बढ़ रहा’ है। फिलहाल भारत में बीवीएलओएएस ड्रोनों को आसमान में उड़ान भरने की इजाजत नहीं है। यदि कोई ड्रोन नजर के सामने उड़ान भरता है तो डीजीसीए उचित प्रक्रिया के बाद उसकी अनुमति देता है।
पुरी ने कहा, ‘‘ (अध्ययन के लिए) इस महीने बाद में परीक्षण किये जाएंगे। डीजीसीए सीएआर (नागर विमान जरूरतें) का मसौदा तैयार करेगा और फीडबैक के लिए उसे संबंधित पक्षों के साथ साझा किया जाएगा।’’ उन्होंने ‘ड्रोन फेस्टिवल ऑफ इंडिया’ में कहा, ‘‘ सीएआर 2.0 से बीवीएलओएस परिचालन में क्रांति आएगी और वह वाणिज्यिक रूप लेगा।’’