राज्यों में पेश किए जा रहे धर्मांतरण विरोधी विधेयकों पर लगातार चल रही बहस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर कोई लोगों का धर्मांतरण कर रहा है, तो वह तलवार का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। क्योंकि यह व्यक्तियों का अच्छा कार्य और चरित्र है जो दूसरों को धर्म परिवर्तित करने के लिए प्रभावित करता है।
आजाद ने उधमपुर में एक क्रिसमस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “अगर कोई लोगों को धर्मांतरित कर रहा है, तो वह तलवार का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। यह अच्छा काम और व्यक्तियों का चरित्र है जो दूसरों को धर्मांतरित करने के लिए प्रभावित करता है। लोग तब धर्मांतरण करते हैं जब वे किसी विशेष धर्म को मानवता की सेवा करते हुए देखते हैं और भेदभाव नहीं करते हैं।”
जानिए क्या कहता है धर्मांतरण विरोधी बिल
उनका बयान कर्नाटक में विपक्ष के आरोप के बाद आया है कि राज्य में “एक विशेष धर्म को लक्षित करने के लिए” धर्मांतरण विरोधी विधेयक प्रस्तावित किया जा रहा है। राज्य के शीतकालीन सत्र में विधेयक का कड़ा विरोध हुआ है। धर्मांतरण के लिए बना यह बिल कहता है कि “कोई भी व्यक्ति गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, लुभाने या किसी कपटपूर्ण तरीके से या शादी करके किसी भी व्यक्ति को सीधे या किसी अन्य व्यक्ति को एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन कराने का प्रयास नहीं करेगा, और न ही कोई व्यक्ति इसके लिए किसी को उकसाएगा या साजिश करेगा।
CM बोम्मई ने बिल को लेकर कही यह बात
इससे पहले, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि प्रस्तावित धर्मांतरण विरोधी कानून जिसे राज्य सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश करने का इरादा रखती है, वह केवल प्रलोभन द्वारा धर्मांतरण को रोकने के लिए है। बोम्मई ने कहा, “प्रस्तावित कानून किसी भी धर्म, उनकी प्रथाओं और परंपराओं को प्रभावित नहीं करेगा जिनकी गारंटी संविधान के तहत दी गई है।” इससे पहले इस साल अप्रैल में गुजरात विधानसभा ने विवाह के माध्यम से जबरन धर्मांतरण के खिलाफ और सख्त सजा लाने के लिए बहुमत के साथ ‘गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021’ पारित किया था।