भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप लगातार बढ़ते जा रहा है । अब तक देश भर में 128 लोगों के संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। जम्मू-कश्मीर में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3 है। इस बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित करते हुए कहा है कि जो व्यक्ति इस रोग के रोकथाम एवं उपचार से जुड़े आदेशों का पालन नहीं करेगा उससे कानून के तहत निपटा जाएगा। वहीं जम्मू-कश्मीर के अलावा अनेक राज्य सरकारों ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर नियम बनाए हैं।
राज्य सरकारों द्वारा यह घोषणा भी किया गया है कि जो इन नियमों का पालन नहीं करता है उसे दण्डित किया जाएगा।जम्मू- कश्मीर उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मु के आदेश पर वित्तीय आयुक्त (स्वास्थ्य एवं मेडिकल शिक्षा विभाग) द्वारा जारी चार पन्नों की अधिसूचना में यह घोषणा जारी की गयी है। इस केंद्र-शासित प्रदेश में अब तक तीन व्यक्तिों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है । इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए इस केंद्र-शासित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में सरकार द्वारा चार से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू करने के साथ सामान्य जनजीवन करीब करीब ठहर गया है।
सरकार पहले ही सभी शिक्षण संस्थानों, मल्टीप्लेक्सों, सिनेमाघरों, शॉपिंग मॉलों, फुड कोर्टों, पार्कों और गार्डनों, क्लबों एवं सड़क किनारे खाने -पीने की चीजें बेचने वालों पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा चुकी है। महामारी रोग अधिनियम के तहत नियमों की घोषणा करते हुए अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर महामारी रोग (कोविड-19) विनियमाली, 2020 इस पूरे केंद्रशासित प्रदेश में तत्काल प्रभावी होगी।
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अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘ निगरानी कर्मी यदि उपयुक्त समझते हैं तो उन्हें ज्वर, खांसी या सांस संबंधी घटनाओं निगरानी या भौतिक परीक्षण के लिए ऐसे परिसरों के मालिकों को तर्कसंगत मौका देने के बाद वहां प्रवेश करने का अधिकार होगा।’’ इस जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ‘‘ ऐसे सभी व्यक्ति निगरानी, निरीक्षण, पूछताछ और परीक्षण में सहयोग करने और सभी संभव सहायता करने के लिए बाध्य होंगे।’’
अधिसूचना के अनुसार जिलाधिकारी इन निगरानी कर्मियों को नियुक्त करेंगे जिन्हें संदिग्ध व्यक्तियों को घर के अंदर ही पृथक रूप से रखने या उसे पृथक सुविधा में ले जाने का निर्देश देने, व्यवस्था करने का अधिकार होगा लेकिन यदि किसी परिसर के मालिक या कोविड -19 का संदिग्ध या सत्यापित व्यक्ति घर में अलग से रखने, संस्थाना में अलग से रखने जेसे रोकथाम या उपचार के कदमों से इनकार करता है या फिर निगरानी कर्मियों एवं अधिकारियों से सहयोग नहीं करता है तो उस पर सीआरपीसी, 1973 की धारा 133 के प्रावधान लगेंगे।