भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने बुधवार को कथित एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर दी। नवलखा ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बॉम्बे हाई का आदेश बरकरार रहेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले में नवलखा को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा की जमानत याचिका पर 26 मार्च को फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने तीन मार्च को नवलखा की उस जमानत याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा था, जिसमें दावा किया गया था कि मामले में आरोपपत्र तय समयसीमा में दायर नहीं किया गया।
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नवलखा के खिलाफ जनवरी 2020 को दोबारा एफआईआर दर्ज की गई थी और पिछले साल 14 अप्रैल को ही उन्होंने एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। वह 25 अप्रैल तक 11 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में रहे और उसके बाद से ही नवी मुंबई के तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
पुलिस के अनुसार, कुछ कार्यकर्ताओं ने 31 दिसम्बर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक में कथित रूप से उत्तेजक और भड़काऊ भाषण दिया था, जिससे अगले दिन जिले के कोरेगांव भीमा में हिंसा भड़की थी।